Jharkhand Politics: बचाव में आगे नहीं आए कांग्रेसी, अकेली पड़ गईं बोकारो की कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह
बोकारो से कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह दो पैन कार्ड और कई वोटर आईडी कार्ड रखने के आरोपों से घिरी हैं। भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। कांग्रेस नेतृत्व खुलकर बचाव में नहीं आया है। भाजपा ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया है। श्वेता सिंह ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि भाजपा निजी हमले कर रही है। जांच से सच्चाई सामने आएगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। बोकारो विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह एक बड़े विवाद में फंस गई हैं। उनके खिलाफ दो पैन कार्ड और एक से अधिक वोटर आईडी कार्ड रखने के गंभीर आरोप लगे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मामले को लेकर आक्रामक रुख अपनाया है और चुनाव आयोग, आयकर विभाग और राज्यपाल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है।
इसके अतिरिक्त, श्वेता सिंह पर 2024 के विधानसभा चुनाव में दाखिल शपथपत्र में गलत जानकारी देने का भी आरोप है, जिसमें बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) द्वारा आवंटित आवास के नो ड्यूज सर्टिफिकेट (एनओसी) को छिपाने और बकाया किराए का उल्लेख न करने की बात सामने आई है।
इस मामले ने सियासत में भूचाल ला दिया है और श्वेता सिंह की विधायकी खतरे में पड़ती दिख रही है। हैरानी की बात यह है कि इस पूरे विवाद में कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व श्वेता सिंह के बचाव में खुलकर सामने नहीं आया है।
कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेता उनके पक्ष में अवश्य मुखर हैं और उन्होंने भाजपा पर सस्ती लोकप्रियता का आरोप लगाया है, लेकिन प्रदेश नेतृत्व मौन है। यह स्थिति श्वेता सिंह के लिए राजनीतिक रूप से नुकसानदायक हो सकती है। अगर जांच में आरोप सिद्ध होते हैं तो उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है।
ऐसे में यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा। दूसरी ओर, भाजपा इस मामले को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के उल्लंघन का दावा
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब भाजपा के नेताओं ने श्वेता सिंह के नाम पर दो पैन कार्ड और तीन से चार वोटर आईडी कार्ड होने का दावा किया।
एक पैन कार्ड गुरुग्राम से जारी हुआ, जिसमें उनके पिता का नाम दिनेश कुमार सिंह दर्ज है, जबकि दूसरा पैन कार्ड रामगढ़ से जारी हुआ, जिसमें उनके पति संग्राम सिंह का नाम पिता के कालम में दर्ज है।
आयकर अधिनियम के अनुसार, पैन कार्ड में केवल पिता का नाम ही होना चाहिए और एक से अधिक पैन कार्ड रखना गैरकानूनी है। इसके अलावा, श्वेता सिंह के नाम पर बोकारो, बिहार के झाझा (जमुई जिला) और अन्य स्थानों से वोटर आईडी कार्ड होने की बात सामने आई है, जिनमें उनके पति और पिता के नाम अलग-अलग दर्ज हैं।
यह भी कानूनी उल्लंघन माना जा रहा है। भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। बोकारो के पूर्व भाजपा विधायक बिरंची नारायण, भाजपा के राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू और अन्य नेताओं ने राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार को ज्ञापन सौंपकर श्वेता सिंह की विधानसभा सदस्यता रद करने की मांग की है।
उन्होंने दावा किया कि श्वेता सिंह ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन किया है। बोकारो की उपायुक्त ने इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंप दी है।
इसके अतिरिक्त, टाइगर जयराम कुमार महतो की पार्टी जेएलकेएम ने भी विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर श्वेता सिंह की सदस्यता रद करने की मांग की है।
सिर्फ एक पैन कार्ड को बताया वैध
श्वेता सिंह और उनके पति संग्राम सिंह ने इन आरोपों को निराधार बताया है। संग्राम सिंह ने सफाई दी है कि केवल एक पैन कार्ड ही वैध है। दूसरे कार्ड में गलती से उनका नाम पिता के कालम में चला गया, जिसे जल्द सुधारा जाएगा।
वोटर आईडी के बारे में उन्होंने दावा किया कि यह आधार कार्ड के दुरुपयोग या साजिश का परिणाम हो सकता है। श्वेता सिंह ने भी कहा है कि भाजपा बौखलाहट में निजी हमले कर रही है और जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।
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