Jharkhand Politics: चंपई ही नहीं हेमंत सरकार में चार और मंत्री भी पूरा नहीं कर सके कार्यकाल, यहां पढ़ें कारण
Jharkhand Politics झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने हेमंत कैबिनेट के साथ साथ झामुमो से भी इस्तीफा दे दिया है। हालांकि चंपई पहले मंत्री नहीं हैं जो ह ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, रांची। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को बहुमत मिलने के बाद बनी सरकार में चंपई सोरेन सहित पांच मंत्री विभिन्न कारणों से अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
इनमें दो मंत्रियों का निधन कार्यकाल के दौरान हो गया तो दो मंत्रियों को अलग-अलग कारणों से इस्तीफा देना पड़ा। एक मंत्री को सरकार में दोबारा जगह नहीं मिली।
सबसे पहले सरकार के वरिष्ठ मंत्री रहे हाजी हुसैन अंसारी का निधन कार्यकाल के दौरान हो गया। कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका। कोरोना संक्रमित दूसरे मंत्री जगरनाथ महतो का लंबे समय तक इलाज के बाद निधन हो गया।
उनका लंग ट्रांसप्लांट भी हुआ था। दोनों मंत्रियों के निधन के बाद विधानसभा की रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव हुआ। हाजी हुसैन अंसारी के निधन से रिक्त हुई मधुपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उनके बेटे हफीजुल हसन की जीत हुई। हालांकि इससे पहले ही उन्हें मंत्री बना दिया गया था।
जगरनाथ महतो के निधन से रिक्त हुई डुमरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें उनकी पत्नी बबीता देवी को जीत मिली। उन्हें भी मंत्री बनाया गया।
आलमगीर आलम को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा
इधर, इस वर्ष टेंडर अनियमितता मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
वहीं, हेमंत सोरेन के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद नए मंत्रिमंडल के गठन में कृषि एवं पशुपालन मंत्री रहे बादल को जगह नहीं मिली। आलमगीर आलम की जगह इरफान अंसारी तथा बादल की जगह दीपिका पांडेय सिंह को मंत्री बनाया गया।
अपना कार्यकाल पूरा नहीं करनेवाले पांचवें मंत्री चंपई सोरेन हैं, जिन्होंने भाजपा में सम्मिलित होने के निर्णय के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दिया। अब इनकी जगह घाटशिला के विधायक और झामुमो नेता रामदास सोरेन को मंंत्री बनाया जा रहा है।

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