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Jharkhand Politics: बंधु तिर्की का विधायक पद छीना, तो बेटी के लिए नीचे से ऊपर तक फील्डिंग टाइट

Jharkhand Politics राज्यसभा चुनाव के बाद रांची जिले की मांडर सीट पर विधानसभा उपचुनाव हो सकता है। यह सीट बंधु तिर्की के जेल जाने पर अयोग्‍य होने से खाली हुई है। मांडर उपचुनाव में बंधु तिर्की अपनी बेटी को टिकट दिलाने को नीचे से ऊपर तक पूरी फील्डिंग कर रहे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 01:25 AM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 04:05 AM (IST)
Jharkhand Politics: बंधु तिर्की का विधायक पद छीना, तो बेटी के लिए नीचे से ऊपर तक फील्डिंग टाइट
Jharkhand Politics: राज्यसभा चुनाव के बाद रांची जिले की मांडर सीट पर विधानसभा उपचुनाव हो सकता है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Politics रांची जिले के मांडर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके बंधु तिर्की इस बार उपचुनाव में अपनी बेटी को मैदान में उतारना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने राज्य स्तर से लेकर केंद्र तक के नेताओं तक अपनी बात पहुंचा दी है लेकिन अभी हरी झंडी नहीं मिली है। इसके पीछे दो कारण है। पहला तो यह कि बंधु तिर्की अभी हाल में ही कांग्रेस में शामिल हुए थे और दूसरी बात यह कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव उनका लगातार विरोध करते रहे हैं। रामेश्वर उरांव की पसंद वहां पिछले चुनाव में किस्मत आजमा चुके सनी टोप्पो हैं और माना जा रहा है कि उन्होंने भी अपनी बात ऊपर तक पहुंचा दी है। अभी पूरी कोर टीम राजस्थान के दौरे से लौटकर आएगी तो इस प्रकरण पर चर्चा शुरू होगी।

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मांडर के विधायक रहे बंधु तिर्की की विधानसभा की सदस्यता सजा पाने के बाद स्वत: समाप्त हो गई थी। अब माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव के बाद मांडर चुनाव कराया जाएगा और इसके लिए पार्टी में भी मशक्कत शुरू हो गई है। शुरू में कुछ हलकों में यह बात सामने आई कि बंधु तिर्की की पत्नी चुनावी मैदान में उतर सकती हैं लेकिन जल्द ही पारिवारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दे दी कि बंधु अपनी बेटी को आगे बढ़ाना चाहते हैं। पार्टी के सीनियर नेताओं के अनुसार उनकी बेटी को टिकट देने में कोई अड़चन भी नहीं है। हालांकि दिल्ली दरबार में रामेश्वर उरांव की भी सुनी जाएगी। फैसला अंतिम समय में ही होगा।

मांडर सीट पर राज्यसभा चुनाव के बाद उपचुनाव, बंधु तिर्की की सदस्यता हो गई है रद

झारखंड विधानसभा की मांडर सीट पर राज्यसभा चुनाव के बाद उपचुनाव हो सकता है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रविकुमार ने भारत निर्वाचन आयोग को यह सीट रिक्त हाेने की सूचना दे दी है, जिसके बाद आयोग द्वारा उपचुनाव की तैयारियों को लेकर लगातार पत्राचार किया जा रहा है। बता दें कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा तीन साल कैद की सजा सुनाई जाने के बाद उनकी सदस्यता 28 मार्च 2020 की तिथि से रद हो गई है।

झामुमो से समझौते में कभी नहीं हुई थी राज्यसभा सीट को लेकर बात

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि उनके कार्यकाल में झारखंड मुक्ति मोर्चा से विधानसभा चुनाव में सीट के बंटवारे को लेकर बात हुई थी और कहीं भी इस बात की चर्चा नहीं हुई थी कि राज्यसभा अथवा लोकसभा चुनाव में क्या होगा। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस दावेदारी कर सकती है तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस मुद्दे पर तीनों दल आपस में बैठकर बात करेंगे। ज्ञात हो कि झामुमो ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से यह दावा किया था कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उनके उम्मीदवार को समर्थन देगी। हालांकि इसके पूर्व प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी राज्यसभा सीट पर कांग्रेस की दावेदारी जताई थी।


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