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    अवैध खनन मामले में ईडी ने 7 घंटे तक की साहिबगंज डीसी से पूछताछ, सवालों से दिखे असहज,जवाब देने के लिए मांगा समय

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Mon, 23 Jan 2023 09:55 PM (IST)

    संताल में 1000 करोड़ के अवैध पत्थर खनन मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी के समन पर सोमवार को साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव ईडी के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पहुंचे। ईडी ने उनसे करीब सात घंटे तक पूछताछ की।

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    ईडी ने सात घंटे तक पूछताछ की साहिबगंज डीसी से, छह फरवरी को फिर बुलाया

    रांची, राज्य ब्यूरो: संताल में 1000 करोड़ के अवैध पत्थर खनन मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी के समन पर सोमवार को साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव ईडी के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पहुंचे। ईडी ने उनसे करीब सात घंटे तक पूछताछ की। वे सुबह 11 बजे ईडी के दफ्तर में पहुंचे थे और शाम के छह बजे इस वादे के साथ निकले।

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    ईडी के सवालों से असहज दिखे उपायुक्त रामनिवास

    छह फरवरी को वे फिर से ईडी के समक्ष पेश होंगे। बताया जा रहा है कि ईडी के सवालों पर डीसी थोड़े असहज दिखे। उन्होंने सवालों का जवाब देने के लिए दस दिनों का वक्त देने की बात दुहराई है। इस दरम्यान ईडी ने उपायुक्त को उनके अधिकारों का हवाला देते हुए पूछा कि अवैध खनन रोकने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित जिले के उपायुक्त व एसपी की होती है, इसके बावजूद उनके जिले में खूब अवैध खनन व परिवहन हुआ। उन्होंने अवैध खनन रोकने के लिए क्या कदम उठाया। ऐसी क्या परिस्थिति रही कि अवैध खनन को रोकने में वे विफल रहे।

    ईडी ने पूछा क्यों नहीं की गई अवैध खनन पर कार्रवाई

    ईडी ने उनसे यह भी पूछा कि वे अक्टूबर 2020 में वे साहिबगंज के उपायुक्त बने थे, उसके बाद से उनके कार्यकाल में सर्वाधिक अवैध खनन हुआ। ईडी ने उपायुक्त को अवैध खनन से संबंधित दस्तावेज भी दिखाया और बताया कि 1000 करोड़ के अवैध खनन में पत्थर माफिया से लेकर अधिकारी, नेता व व्यवसायी जुटे रहे। साहिबगंज जिले में पत्थर की लूट मची रही, लेकिन वे जिलाधिकारी रहते हुए मौन रहे और कोई कार्रवाई नहीं की।

    ईडी ने पूछा, जहाज दुर्घटना की रिपोर्ट पंकज मिश्रा तक कैसे पहुंची

    ईडी ने उपायुक्त रामनिवास यादव से पूछा कि साहिबगंज में गंगा नदी पर स्टोन चिप्स लदे ट्रकों वाली मालवाहक जहाज हादसे का शिकार हो गई थी। इस पर उपायुक्त ने जो रिपोर्ट तैयार की थी, उस पर कई सवाल उठे थे। यहां तक की उपायुक्त की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा तक पहुंच गई थी।

    ईडी ने पूछा कि उनकी रिपोर्ट पंकज मिश्रा तक कैसे पहुंची। इसपर भी उपायुक्त ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। ईडी ने उनसे पंकज मिश्रा को अवैध खनन में सहयोग करने, रिम्स में इलाजरत रहते हुए पंकज मिश्रा के निर्देश पर काम करने सहित कई सबूत उपायुक्त को दिखाया और सवाल दागे, जिसका उपायुक्त संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

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