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    Jharkhand में अब बैंक वाले नहीं करा पाएंगे गुंडों के माध्यम से रिकवरी, हेमंत सरकार ने जारी किया नया आदेश

    Updated: Sun, 19 Jan 2025 02:36 PM (IST)

    झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर एसएलबीसी की बैठक में शामिल हुए। एसएलबीसी की अध्यक्षता बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक एम कार्तिकेयन ने की। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने रिकवरी एजेंटों के माध्यम से आम लोगों और भोले-भाले ग्रामीणों को डराकर पैसा वसूली की प्रवृत्ति पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसे बैंकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाए।

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    आम लोगों को अब नहीं डरा पाएंगे रिकवरी एजेंट, सरकार ने दिया आदेश।(सांकेतिक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण रांची: वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने रिकवरी एजेंटों के माध्यम से आम लोगों और भोले-भाले ग्रामीणों को डराकर पैसा वसूली की प्रवृत्ति पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसे बैंकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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    वित्त मंत्री ने बताया कि उन्होंने आरबीआई के प्रतिनिधि से कहा कि सभी जिलों के एसपी को इससे संबंधित गाइडलाइन भेजी जाए, ताकि ऐसी अमानवीय घटनाओं को रोका जा सके। कमर्शियल बैंक 9-11 प्रतिशत की दर पर ऋण देते हैं। इसके बावजूद छोटे बैंक, एनबीसी बैंकों के माध्यम से लोग 22 से 30 प्रतिशत तक ब्याज दर पर ऋण लेते हैं। आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक प्रेमरंजन प्रसाद ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में बैंक ही जिम्मेदार होंगे।

    इसके पूर्व एसएलबीसी की बैठक की औपचारिक शुरुआत करते हुए जीएम मनोज कुमार ने कहा कि सीडी रेशियो पहली बार 50 प्रतिशत से ऊपर हुआ है। 30 सितंबर 2023 को जहां यह अनुपात 45.04% था, वहीं 30 सितंबर 2024 को यह बढ़कर 50.22% हो गया है।

    राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति झारखंड के अध्यक्ष एम. कार्तिकेयन ने देश के आर्थिक विकास तथा वित्तीय समावेशन में बैंकों की अहम भूमिका के बारे में चर्चा की। राज्य के बैंकों से कृषि एवं संबन्धित गतिविधियों में ज्यादा से ज्यादा ऋण प्रवाह करने का आग्रह किया।

    कर्तिकेयन ने सभी बैंकों की ओर से आश्वासन दिया कि मार्च 2025 के अंत तक सभी बैंकों द्वारा 55 प्रतिशत सीडी अनुपात का मील का पत्थर हासिल किया जाएगा।

    वार्षिक ऋण योजना 2024-25

    - कृषि क्षेत्र में वर्ष 2024-25 के लिए 23,100 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले सितंबर 2024 तक राज्य की कुल उपलब्धि 7399 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 32.03 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज हुई।

    - सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम के क्षेत्र में वर्ष 2024-25 हेतु 43,000 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, सितम्बर 2024 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 24,756 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 57.57 प्रतिशत उपलब्धि देखी गई है।

    - अन्य प्राथमिकता क्षेत्र में वर्ष 2024-25 हेतु 3,900.00 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, सितम्बर 2024 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 1227.00 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 31.45 प्रतिशत उपलब्धि है।

    यूनियन बैंक के जोनल मुख्यालय को बिहार ले जाने के फैसले पर भड़के वित्त मंत्री

    वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने यूनियन बैंक के जोनल ऑफिस को रांची से पटना शिफ्ट किए जाने के फैसले पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने एसएलबीसी की बैठक में निर्णय पर अधिकृत विरोध जताते हुए इस मुद्दे पर

    कड़ा रुख अख्तियार किया है।

    वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड बाहर से संस्थाओं को यहां लाने के लिए बना था, ना कि यहां के संस्थाओं को बाहर ले जाने के लिए। उन्होंने जोनल मैनेजर से इस निर्णय के पीछे का कारण पूछा। इस दौरान जोनल मैनेजर ने बिजनेस से संबंधित अपनी बातें रखी।

    वित्त मंत्री ने उनसे बिहार और झारखंड में ब्रांच की संख्या से लेकर डिपोजिट तक के आंकड़े बताए और कहा कि बिहार में डेढ़ सौ ब्रांच अधिक होने के बावजूद डिपोजिट के आंकड़े समतुल्य हैं।

    वित्त मंत्री ने यूनियन बैंक के जोनल अधिकारी से जोनल ऑफिस के स्थानांतरण के फैसले पर पुनर्विचार की बात कही। वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यूनियन बैंक के 120 ब्रांच झारखंड में हैं और उनमें 13555 करोड़ ही डिपोजिट है। वहीं बिहार में 236 ब्रांच होने पर भी 15743 करोड़ डिपोजिट है।

    वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी भावना यह है कि हम झारखंड में अधिक से अधिक नए कार्यालय खोलें। हमारी भावना है कि झारखंड में नए-नए उद्योग लगाए जाएं। उन्होंने यूनियन बैंक के कार्यालय को बिहार ले जाने के निर्णय पर बार-बार आपत्ति जताई।

    कार्यक्रम में मौजूद कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने अपने संबोधन में बैंकों से आग्रह किया कि वे झारखंड के वंचित और गरीब लाभार्थियों को सरकार की प्रभावी योजनाओं का लाभ दिलाएं।

    उन्होंने यह भी आग्रह किया कि दूर-दराज के स्थानों और वित्तीय समावेशन से दूर रहने वाले क्षेत्रों में शाखाएं खोलकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जाए।

    वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने बैंकों को गुरुजी क्रेडिट कार्ड की उपलब्धियों के लिए बधाई दी तथा बैंक के प्रमुख अधिकारियों से आग्रह किया कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में अपनी भागीदारी दिखाएं और केसीसी ऋण माफी योजना को शीघ्र पूरा करने की कवायद करें।

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