Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand News: हेमंत सरकार नगर निकायों में जल्द कर सकती है लोकपाल की नियुक्ति, वित्त आयोग ने की सिफारिश

    झारखंड के नगर निकायों में जल्द ही लोकपाल की नियुक्ति की जा सकती है। राज्य वित्त आयोग ने इसकी अनुशंसा करते हुए कहा कि लोकपाल नहीं होने की वजह से कई प्रकार की समस्याएं आ रही हैं। लोकपाल की नियुक्ति से शिकायतों और समस्याओं के समाधान में आसानी होगी। साथ ही सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। ऐसे में जल्द ही सरकार इस दिशा में कार्य कर सकती है।

    By Ashish Jha Edited By: Divya Agnihotri Updated: Sun, 30 Mar 2025 01:15 PM (IST)
    Hero Image
    झारखंड में जल्द हो सकती है लोकपाल की नियुक्ति

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के नगर निकायों में लोकपाल बहाल करने की दिशा में राज्य सरकार कदम बढ़ा सकती है। झारखंड राज्य वित्त आयोग ने इसकी अनुशंसा की है। लोकपाल के नहीं होने से कई प्रकार की समस्याएं बढ़ रही हैं। वित्त आयोग ने कहा है कि झारखंड म्युनिसिपल एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप जल्द ही लोकपाल बहाल होने की कार्रवाई की जाए, जिससे लोगों की शिकायतें दूर हों।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्य को हो रहा नुकसान

    झारखंड राज्य वित्त आयोग की अनुंशसाएं पिछले दिनों विधानसभा में पेश की गई थी। इसके अनुसार झारखंड नगरपालिका एक्ट का पूरी तरह से पालन नहीं करने के कारण राज्य को बहुत तरह से नुकसान हो रहा है। आयोग ने सभी तरह की संपत्तियों से प्रापर्टी टैक्स वसूली के लिए विशेष अभियान चलाने की बात कही है

    लोकपाल नियुक्ति की अनुशंसा

    • कमीशन ने होल्डिंग, वॉटर चार्जेज आदि से संबंधित विवादों को जल्द निपटाने के लिए जन लोकपाल नियुक्ति की अनुशंसा की है।
    • कहा है कि इससे शिकायतों और समस्याओं के समाधान में आसानी होगी। साथ ही सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।

    आयोग ने सभी प्रकार की संपत्तियों का विवरण नगर निकायों के पास उपलब्ध कराने की बात भी कही है। प्रॉपर्टी टैक्स की गणना के लिए जीआइएस मैप के इस्तेमाल की भी अनुशंसा की गई है ताकि शहरी क्षेत्रों में सभी होल्डिंग को एक ही छतरी के नीचे लाया जा सके।

    1.28 लाख करोड़ में से 1.05 लाख करोड़ खर्च कर पाई सरकार

    झारखंड सरकार चालू वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष की तरह ही 1.05 करोड़ रुपये के आसपास खर्च कर पाई है। शनिवार को निकासी का आखिरी दिन था अब निकासी नहीं हो पाएगी, लेकिन पहले से विभागों में जमा राशि का सरेंडर करने के लिए 31 मार्च तक की तिथि स्वीकृत की गई है। इस कारण से अंतिम आंकड़ा आने में अभी देरी है।

    राज्य सरकार शनिवार की देर रात तक पिछले वर्ष के बराबर ही राशि खर्च कर पाई है, जो 1.05 लाख करोड़ है। ज्ञात हो कि सरकार ने खर्च करने के लिए 1.28 लाख करोड़ का बजट बनाया था, लेकिन इतनी राशि खर्च नहीं कर पाई। खर्च राशि में इस वर्ष लिया गया ऋण भी जुड़ा हुआ है।

    राज्य सरकार ने लिया 3 हजार करोड़ रुपये का कर्ज तीन वर्षों के बाद चालू वित्तीय वर्ष के समापन के पूर्व राज्य सरकार ने तीन हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।

    यह राशि भी विभागों को भेज दी गई है। खर्च से संबंधित अंतिम आंकड़ा अब सोमवार तक ही सामने आ पाएगा। इस बीच, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर अपने क्षेत्र में निकल गए हैं। उनसे इसी कारण से संपर्क नहीं हो पा रहा।

    सूत्रों के अनुसार सोमवार को वो भी राजधानी रांची में होंगे। इधर, वित्तीय वर्ष के एक माह पूर्व तक के आंकड़ों के अनुसार (फरवरी माह तक) राज्य सरकार 90 हजार करोड़ रुपये तक खर्च कर पाई थी। चालू वित्तीय वर्ष में दो-दो चुनाव होने के कारण खर्च का आंकड़ा पहले से कम होना तय माना जा रहा था।

    ये भी पढ़ें

    Jharkhand Politics: रघुवर दास या बिद्युत महतो को मिल सकती है झारखंड की कमान, भाजपा के सामने तीन बड़ी चुनौतियां

    Ranchi News: मंत्री संजय सेठ और भैरव सिंह सहित सैकड़ों लोगों पर केस हुआ दर्ज, जानिए क्या है पूरा मामला