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    झामुमो ने संताल परगना में बनाई रणनीति, भाजपा-आजसू से आए नेताओं को मिली अहम जिम्मेदारी

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 10:28 PM (IST)

    झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने संताल परगना में पकड़ मजबूत करने हेतु भाजपा और आजसू के नेताओं को शामिल किया है। ताला मरांडी जैसे अनुभवी नेताओं को केंद्रीय समिति में जगह दी गई है। इससे झामुमो को संगठनात्मक शक्ति बढ़ाने और महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। गणेश महली की नियुक्ति से चम्पाई सोरेन को चुनौती मिलेगी।

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    भाजपा-आजसू से आए प्रमुख नेताओं को मोर्चे पर लगाया झामुमो ने

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने संताल परगना में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम उठाए हैं। पार्टी के केंद्रीय समिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आजसू पार्टी जैसे दलों से आए नेताओं को केंद्रीय समिति का सदस्य बनाया गया है।

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    यह झामुमो की शीर्ष निर्णय करने वाली समिति है। इनमें सबसे प्रमुख नाम ताला मरांडी का है। ताला भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। इसके अलावा नीरु शांति भगत, केदार हाजरा और गणेश महली जैसे नेताओं को भी शामिल किया गया है।

    यह कदम न केवल झामुमो की संगठनात्मक ताकत को विविध क्षेत्रों में बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में पार्टी को अधिकाधिक सशक्त बनाएगा। ताला मरांडी का अनुभव और क्षेत्र में पैठ के कारण उनकी नियुक्ति को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

    संताल परगना झामुमो का परंपरागत अभेद्य गढ़ है। मरांडी का राजनीतिक अनुभव और क्षेत्र में स्वीकार्यता झामुमो को और अधिक आक्रामक रुख अपनाने में मददगार होगा। यह विपक्षी दलों खासकर भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती भी होगी।

    झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय के मुताबिक शीर्ष नेतृत्व के निर्देशानुसार केंद्रीय समिति के नए सदस्यों की नियुक्ति की गई है। नवनियुक्त नेता संगठन को मजबूत करने की दिशा में महती प्रयास करेंगे।

    महिला नेतृत्व को भी बढ़ावा

    आजसू से झामुमो में शामिल हुईं नीरु शांति भगत को केंद्रीय समिति में स्थान देकर पार्टी ने एक और सोचा-समझा कदम उठाया है। नीरु लोहरदगा से पूर्व विधायक स्वर्गीय कमल किशोर भगत की पत्नी हैं।

    उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि और क्षेत्र में प्रभाव झामुमो को लोहरदगा और आसपास के क्षेत्रों में नई ऊर्जा प्रदान करेगा। यह नियुक्ति न केवल महिला नेतृत्व को बढ़ावा देगी, बल्कि आजसू के समर्थक आधार को भी झामुमो की ओर आकर्षित कर सकती है। नीरु की सक्रियता से पार्टी को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समर्थन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

    चम्पाई सोरेन को टक्कर देते रहे हैं गणेश महली

    झामुमो ने पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन की राजनीतिक घेराबंदी बढ़ाने की रणनीति के तहत पूर्व भाजपा नेता गणेश महली को आगे किया है। गणेश महली पिछले विधानसभा चुनाव में चम्पाई सोरेन के खिलाफ झामुमो के टिकट पर खड़े थे।

    वे पहले भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते थे। उनकी नियुक्ति से सरायकेला क्षेत्र में पार्टी चम्पाई सोरेन के प्रभाव को कम करने की दिशा में कार्य करेगी। आगामी चुनावों में यह रणनीति झामुमो के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

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