Jharkhand Mahua MSP: झारखंड में महुआ उत्पादकों को मिलेगी बड़ी खुशखबरी, सरकार तय करेगी न्यूनतम समर्थन मूल्य
झारखंड सरकार महुआ उत्पादकों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी देने वाली है। झारखंड सरकार महुआ जैसे वन उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करने पर विचार कर रही है। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विभागीय समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी। इस कदम से महुआ उत्पादक किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। कृषि विभाग सब्जी सहित वन उपज का एमएसपी निर्धारित करने की तैयारी कर रहा है। महुआ जैसे वन उपज को कृषि विभाग एमएसपी के दायरे में लाने पर विचार कर रहा है। इसकी जानकारी कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विभागीय समीक्षा के बाद पत्रकारों को दी। मंत्री बनने के बाद शिल्पी नेहा तिर्की ने दूसरी मासिक समीक्षा बैठक की।
इस दौरान उन्होंने विभाग की ओर से संचालित योजनाओं की जानकारी ली। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की वीएलड्ब्ल्यू (गांव लेवल वर्कर) के काम को लेकर नाराज दिखी। उन्होंने कहा कि वीएलडब्ल्यू की नियुक्ति कृषि विभाग ने की है। उनके वेतन का भुगतान भी कृषि विभाग के मद से होता है, लेकिन वीएलडब्ल्यू आवास योजना और मनरेगा के लिए जमीन का काम ज्यादा करते है।
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने वीएलडब्ल्यू को कृषि विभाग की योजनाओं के लिए काम करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि बहुत जल्द उनके लिए एक राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन कर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
लाभुकों तक नहीं पहुंच रही योजनाएं
समीक्षा बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि जरूरतमंद लाभुकों तक कृषि विभाग की योजना नहीं पहुंच पा रही है। कुछ खास किसानों को ही विभाग की एक से ज्यादा योजना मिल रही है।
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि मांडर और चान्हो में सिंचाई से संबंधित एक भी आवेदन नहीं मिला है, यह हैरान करने वाली बात है। किसानों को विभाग की योजना की जानकारी तक नहीं है।
मंत्री ने बताया कि 18 जनवरी को चान्हो में प्रमंडल स्तरीय कृषि मेला का आयोजन किया जा रहा है। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने अधिकारियों को सरकार की योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतार कर ही पलायन को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बिरसा ग्राम पाठशाला योजना एक अच्छी योजना है, लेकिन उसका लाभ किसानों को सिर्फ इसलिए नहीं मिल पाया है कि यह योजना सरकारी कागज तक ही सिमट कर रह गई।
बीज ग्राम योजना को बनाएंगे सफल
कृषि मंत्री ने कहा कि पहले भी बीज ग्राम योजना बनाई गई थी, लेकिन कतिपय कारणों की वजह से यह योजना फेल हो गई। लेकिन इस बार इसको सफल बनाया जाएगा। इसके लिए टेस्ट एजेंसी नहीं थी। कुछ तकनीकी सुविधाओं को फिर से चालू किया जाएगा, ताकि बीज को लेकर भी सरकार आत्मनिर्भर बन सके।
धान की एमएसपी तय करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह खाद्य आपूर्ति विभाग के अंतर्गत आता है, लेकिन सरकार इसको लागू करने का प्रयास कर रही है।
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