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    Jharkhand Lok Sabha Result 2024: कांग्रेस के लिए झारखंड में गुड न्यूज, फिर से जुड़ने लगे हैं कई अहम पुराने वोट बैंक

    Updated: Thu, 06 Jun 2024 08:43 PM (IST)

    लोकसभा चुनावों (Jharkhand Lok Sabha Result 2024) के परिणामों से कांग्रेस गदगद है। झारखंड में बेहतर परिणाम से यह साफ है कि कांग्रेस के साथ एक बार फिर उसके परंपरागत आदिवासी वोटर्स जुड़े रहे हैं। झारखंड में पार्टी ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित दो सीटों का परिणाम अपने पक्ष में किया है तो इसी वर्ग के लिए आरक्षित अन्य तीन सीटों पर सहयोगी झामुमो ने जीत दर्ज की है।

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    झारखंड में कांग्रेस के साथ जुड़े ओबीसी व आदिवासी मतदाता। (फाइल फोटो)

    आशीष झा, रांची। लोकसभा चुनावों (Jharkhand Lok Sabha Result 2024) में बेहतर परिणाम सामने आने के बाद कांग्रेस के साथ एक बार फिर उसके परंपरागत आदिवासी मतदाता जुड़े हैं।

    झारखंड में पार्टी ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित दो सीटों का परिणाम अपने पक्ष में किया है तो इसी वर्ग के लिए आरक्षित अन्य तीन सीटों पर सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने जीत दर्ज की है।

    गठबंधन ने स्थानीयता को परिभाषित करने के लिए 1932 के खतियान को आधार बनाने की। सरना धर्म कोड के मुद्दे पर मुखर रहना भी कारगर साबित हुआ है।

    इसके अलावा, मतांतरण के मुद्दे पर भाजपा का मुखर विरोध कर कांग्रेस ने आदिवासियों के बीच अपनी पैठ बनाई। ऐसा नहीं होता तो केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सरीखे नेता को बड़े अंतर से हराना आसान नहीं था।

    इसी प्रकार लोहरदगा में कांग्रेस बड़े अंतर से जीती है, जहां पिछले कई चुनावों में 10-15 हजार के अंतर से जीत-हार होती रही है।

    झारखंड में संयुक्त बिहार के समय से ही आदिवासी मतदाता कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। पिछले 15 वर्षों से इस वोट बैंक में भाजपा ने सेंधमारी कर दी थी। स्थिति यह थी कि 2014 में कांग्रेस के एक भी सांसद नहीं थे, तो 2019 में महज एक सांसद ने सिंहभूम से जीत दर्ज की।

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    सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा भी भाजपा की शरण में चलीं गईं। इस आधार पर इस चुनाव में कांग्रेस ने शून्य से अपना सफर शुरू किया।

    सहयोगी झामुमो के उम्मीदवारों ने भी भाजपा को बड़े अंतर से हराया तो कांग्रेस इसका श्रेय भी ले रही है। कांग्रेस ने हेमंत सरकार के कार्यकाल में एसटी-एससी और पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाने का मुखर समर्थन किया। इसका प्रभाव इन वर्गों पर पड़ा है।

    जहां-जहां राहुल की सभा, वहां-वहां जीती कांग्रेस

    राहुल गांधी ने झारखंड में तीन जनसभाएं कीं। पहली जनसभा सिंहभूम से झामुमो प्रत्याशी जोबा मांझी के लिए की और इस सीट पर जोबा मांझी को जीत मिली। इसी दिन उन्होंने कल्पना सोरेन से मुलाकात की थी और उन्हें भी न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था। दूसरा कार्यक्रम खूंटी-लोहरदगा के सीमा पर गुमला में हुआ और दोनों ही सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते।

    हमारे साथ सामान्य और पिछड़े वर्ग के मतदाता भी जुड़े : ठाकुर

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर दावा करते हैं कि कांग्रेस के साथ सामान्य और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं का एक बड़ी संख्या भी जुड़ी है। ऐसा नहीं होता तो खूंटी में पिछले चुनाव से 1.3 लाख अधिक वोट नहीं मिलते। लोहरदगा में 1.2 लाख मतदाता बढ़े हैं।

    चतरा में 2.03 लाख वोट कांग्रेस को पिछले चुनाव की तुलना में अधिक मिले तो धनबाद में 1.16 लाख और रांची में 1.20 एवं हजारीबाग में पिछले चुनाव की तुलना में 1.22 लाख अधिक वोट मिलने का मतलब है कि सभी वर्गों के मतदाताओं का रुझान कांग्रेस की ओर हुआ है।

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