Jharkhand Land Scam: झारखंड जमीन घोटाले में 9 आरोपियों की बढ़ीं मुश्किलें, ईडी कोर्ट में हुई सुनवाई; कसेगा शिकंजा
झारखंड जमीन घोटाले में ईडी कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई में एक बार फिर से 9 आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गईं। इन आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ा दी गई है। रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन समेत कारोबारियों पर भी शिकंजा कसा गया है। जमीन दलाल रिम्स का कर्मी अफसर अली इम्तियाज अहमद सद्दाम हुसैन समेत 9 की हिरासत अवधि बढ़ा दी गई है।

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: ईडी कोर्ट ने सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री करने के 9 आरोपियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन सहित नौ आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ा दी गई है।
इन आरोपियों पर कसा शिकंजा
इससे पूर्व मामले में जेल में बंद नौ आरोपितों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ईडी कोर्ट में पेश किया गया। अगली पेशी की के लिए दो जनवरी की तिथि निर्धारित की गई है। कोर्ट ने छवि रंजन, कारोबारी अमित अग्रवाल, बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली जमीन का फर्जी रैयत प्रदीप बागची की हिरासत अवधि बढ़ा दी है।
इसके अलावा जमीन दलाल रिम्स का कर्मी अफसर अली, इम्तियाज अहमद, सद्दाम हुसैन, तलहा खान एवं फैयाज अहमद की हिरासत अवधि बढ़ा दी है। एक आरोपित दिलीप घोष जमानत पर है। बता दें कि इस मामले में जमानत के लिए डीसी छवि रंजन ने पहले भी जमानत याचिका दायर की थी, जिसे ईडी कोर्ट और हाईकोर्ट ने पूरी तरह से खारिज कर दी थी।
क्या है इनपर आरोप
इन पर आपसी मिलीभगत से मूल दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर, जालसाजी से रांची में जमीनों की खरीद-बिक्री के आरोपों की पुष्टि हुई थी। ईडी की चार्जशीट में बताया है कि भू-राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफियाओं के पक्ष में फर्जी तरीके से इन भूखंडों का नामांतरण किया गया है।
ईडी के अनुसार, रांची के बरियातू थाने में रांची नगर निगम ने सेना के कब्जे वाली जमीन के फर्जी रैयत पर जालसाजी कर जाली दस्तावेज पर दो-दो होल्डिंग लेने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसी प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मामला दर्ज कर जांच की।
फोरेंसिक जांच में फर्जीवाड़ा का हुआ था खुलासा
अदालत की अनुमति से रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस कोलकाता और रांची के भू-राजस्व विभाग के मूल रिकार्ड की गुजरात के गांधी नगर स्थित फोरेंसिक साइंस निदेशालय से जांच कराई। इन दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच में फर्जीवाड़ा साबित हुआ था।
ईडी कोर्ट का मुख्य काम है:
- आर्थिक अपराधों की जांच: ईडी कोर्ट आर्थिक अपराधों जैसे कि मनी लॉन्डरिंग, कर चोरी, और अन्य आर्थिक अपराधों की जांच करती है।
- मामलों की सुनवाई: ईडी कोर्ट में आर्थिक अपराधों से संबंधित मामलों की सुनवाई की जाती है।
- आरोपियों की गिरफ्तारी और जमानत: ईडी कोर्ट आरोपियों की गिरफ्तारी और जमानत के मामलों का निपटारा करती है।
- संपत्ति की जब्ती: ईडी कोर्ट आर्थिक अपराधों से संबंधित संपत्तियों की जब्ती के मामलों का निपटारा करती है।
- आर्थिक अपराधों की रोकथाम: ईडी कोर्ट आर्थिक अपराधों की रोकथाम के लिए भी काम करती है।

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