Jharkhand News: झारखंड में 15 हजार युवाओं की बल्ले-बल्ले, हेमंत सरकार देगी रोजगार; प्लान तैयार
झारखंड में 15 हजार युवाओं की किस्मत बदलने वाली है। उद्योग विभाग को उद्योग के कार्यान्वन के लिए 450 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया है। इससे राज्य के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सकेगा। सरकार ने 15 हजार युवाओं को रोजगार देने का प्लान तैयार कर लिया है। उद्योग विभाग में सिंगल विंडो सिस्टम के लिए भी बजट का प्रविधान किया गया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: बजट में उद्योग विभाग की योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 450 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया गया है। इस राशि से राज्य में खुले उद्योगों को अनुदान और सब्सिडी दिया जाएगा। इसके साथ ही जानकारी दी गई है कि अगले वित्तीय वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश लाया जाएगा और इसके माध्यम से लगभग 15 हजार लोगों को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उद्योग विभाग में सिंगल विंडो सिस्टम के लिए भी बजट का प्रविधान किया गया है। इसके साथ ही जियाडा के अंतर्गत बोकारो, गिरिडीह, कांड्रा, सिंदरी, आदित्यपुर, जसीडीह और देवीपुर औद्योगिक इकाइयों में आधारभूत संरचनाओं से संबंधित योजनाओं को पूर्ण किया जाएगा।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य में एमएसएमई निदेशालय या एमएसएमई सेल के गठन का प्रस्ताव है और इसके संचालन को लेकर एमएसएमई प्रोत्साहन नीति को अधिसूचित किया गया है। रेशम उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर रहे झारखंड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1500 मीट्रिक टन तसर उत्पादन का लक्ष्य लगभग प्राप्त कर लिया है। अगले वित्तीय वर्ष में यह लक्ष्य बढ़ाकर 1800 मीट्रिक टन किया गया है।
गांवों में अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की कोशिश, रोजगार को प्रमुखता
नए वित्तीय वर्ष में गांवों में अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की कोशिश होगी। इसके तहत रोजगार देनेवाली योजनाओं पर राशि व्यय करने का प्रविधान बजट में किया गया है। रोजगार सृजन के उद्देश्य से मनरेगा के तहत 12 करोड़ मानवदिवस रोजगार सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके अलावा अबुआ आवास योजना भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। वित्तीय वर्ष 2024-25 तक के लिए 6,01,135 आवासों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
इसके तहत लाभुकों को दो लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। योजना के तहत स्वीकृत आवासों में से 19685 आवास पूर्ण हो चुके हैं जबकि शेष आवास को वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूर्ण कराने का प्रस्ताव है।
मनरेगा और अबुआ आवास से झारखंड की अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
मनरेगा और अबुआ आवास योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करनेवाली योजनाएं हैं। रोजगार के दृष्टिकोण से सखी मंडलों की ओर से तैयार उत्पाद भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत आधार है।
इसके तहत सखी मंडलों के उत्पादों को उचित मूल्य और आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए पलाश ब्रांड का इस्तेमाल किया जा रहा है। बजट में पलाश ब्रांड के तहत पलाश मार्ट पर 30 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रविधान किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में दो हजार सखी मंडलों को चक्रीय निधि की राशि एवं 35 हजार स्वयं सहायता समूहों को कैश क्रेडिट के लिए बैंक लिंकेज की सुविधा प्रदान की जाएगी। इतना ही नहीं लगभग दो लाख महिला किसानों को आजीविका संबंधी गतिविधियों से जोड़ने की योजना है। बजट में राज्य सरकार ने 9841.41 करोड़ रुपये का प्रबंध ग्रामीण विकास विभाग के लिए किया है।
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