झारखंड: साहिबगंज अवैध खनन मामले में CM हेमंत सोरेन समेत 20 के खिलाफ शिकायत दर्ज, हाईकोर्ट ने दिया था यह आदेश
साहिबगंज अवैध खनन मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अवैध खनन की सीबीआई वाली याचिका पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत 20 लोगों के खिलाफ साहिबगंज के स्थानीय थाने में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रभाव के कारण अवैध खनन मामले में कार्रवाई नहीं हो रही है।

राज्य ब्यूरो, रांची: साहिबगंज अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद बोकारो के याचिकाकर्ता तीर्थ नाथ आकाश और अनुरंजन अशोक ने तीन सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित 20 आरोपियों के खिलाफ स्थानीय मुफ्फसिल थाने में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है।
मुख्यमंत्री के प्रभाव के कारण नहीं हुई कार्रवाई
शिकायत के अनुसार, आरोपियों की मिलीभगत से अवैध पत्थर खनन कर क्षेत्र से प्रतिदिन एक हजार से अधिक ट्रकों से अवैध पत्थर की ढुलाई हो रही है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि राज्य में खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही हैं, जिनके प्रभाव से कार्रवाई नहीं हो रही है।
बड़ी मछलियों पर नहीं डाला गया हाथ
शिकायत में यह भी कहा गया है कि समय-समय पर कुछ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज तो हुई, लेकिन बड़ी मछलियों पर किसी ने अब तक हाथ नहीं डाला।
इसके अलावा आरोपियों ने अवैध तरीके से खनन में विस्फोटकों का प्रयोग किया और अवैध पत्थरों को नदी, सड़क और रेल मार्ग से ढुलवाया गया।
शिकायत में प्रति ट्रक 1500 रुपये की अवैध वसूली करवाने का आरोप भी लगाया गया है और इससे पूरे वर्ष में करीब 400 करोड़ के राजस्व का नुकसान होने की बात कही गई है।
फेरी सेवा के माध्यम से पत्थरों की अवैध ढुलाई
शिकायतकर्ता के अनुसार, साहिबगंज में तीन जगहों से फेरी सेवा के माध्यम से पत्थरों की अवैध ढुलाई कराई गई।
इनमें साहिबगंज के गरमघाट से बिहार के कटिहार का मनीहारी घाट, समदा घाट से मनीहारी घाट व राजमहल घाट से बंगाल के मानीकचक घाट में ढुलाई कराने की बात कही गई है।
इन अधिकारियों पर संरक्षण देने का लगाया आरोप
साहिबगंज से अवैध पत्थर की ढुलाई मिर्जा चौकी से पीरपैंती व कोटालपोखर से बंगाल की तरफ होती है। आरोप लगाया गया है कि अवैध खनन के इस खेल में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव यतींद्र कुमार दास, मुख्य सचिव, डीसी साहिबगंज ने भी संरक्षण देते हुए सहयोग किया।
इनके खिलाफ शिकायत दर्ज
मुफ्फसिल थाने में ऑनलाइन शिकायत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू, साहिबगंज के सकरगढ़ निवासी पंकज मिश्रा, जिला वन अधिकारी साहिबगंज मनीष तिवारी, जिला खनन पदाधिकारी साहिबगंज विभूति कुमार, उपायुक्त साहिबगंज राम निवास यादव, साहिबगंज के तत्कालीन एसपी अनुरंज किस्पोट्टा, साहिबगंज के एसडीपीओ राजेंद्र दुबे, बड़हरवा के तत्कालीन एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा को आरोपी बनाया गया है।
इसके अलावा साहिबगंज के पत्थर व्यवसायी दाहू यादव, सकरोगढ़ के पुराने गैस गोदाम के समीप रहने वाले विष्णु प्रसाद यादव, पवितर कुमार यादव उर्फ गुड्डू, गोड्डा के महगामा निवासी आलोक रंजन, मिर्जा चौकी के पतरू सिंह उर्फ अवध किशोर सिंह, टिंकल भगत, साहिबगंज मुफ्फसिल के बच्चू यादव, साहिबगंज के रामपुर करारा सकरीगली निवासी संजय कुमार यादव उर्फ काला संजय, साहिबगंज के बड़हरवा के भगवान भगत, बड़हरवा के भवेश भगत व नीलकोठी राजभवन के विक्रम प्रसाद सिंह उर्फ सोनू सिंह को एफआईआर में आरोपी बनाया गया है।
27 अप्रैल को हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
शिकायत शिकायतकर्ता तीर्थनाथ आकाश और अनुरंजन अशोक ने 21 मई 2021 को झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी।
उन्होंने जनहित याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट से अवैध खनन मामले की सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया था।
उनकी याचिका पर इसी साल 27 अप्रैल को झारखंड उच्च न्यायालय ने अपना आदेश जारी किया था। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि इस संबंध में पहले स्थानीय थाने में करें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।