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    रांची के सदर अस्पताल की तर्ज पर विकसित होंगे राज्य के सभी अस्पताल, डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगी सुविधाएं

    Updated: Thu, 01 Jan 2026 02:30 AM (IST)

    झारखंड सरकार आधुनिक, पारदर्शी और डिजिटल स्वास्थ्य व्यवस्था विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जल्द ही सभी स्वास्थ्य सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बड़े बदलावों का दौर शुरू होने जा रहा है। राज्य सरकार का फोकस अब आधुनिक, पारदर्शी और डिजिटल स्वास्थ्य व्यवस्था विकसित करने पर है। आने वाले समय में राज्य की लगभग सभी स्वास्थ्य सुविधाएं डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़ जाएंगी।

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    मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर उपचार, जांच रिपोर्ट और डिस्चार्ज तक की पूरी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इससे किसी भी समय मरीज से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त करना आसान हो जाएगा और इलाज में पारदर्शिता बढ़ेगी।

    राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कई अहम पहल की जा रही हैं। राजधानी रांची स्थित सदर अस्पताल की तर्ज पर राज्य के अन्य जिलों के सदर अस्पतालों का भी आधुनिकीकरण किया जाएगा। इससे न सिर्फ मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि गंभीर बीमारियों का इलाज भी अब झारखंड में ही संभव हो सकेगा, जिसके लिए अब तक मरीजों को दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता था।

    चिकित्सकों की कमी दूर करना भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश में संचालित मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसके साथ-साथ डॉक्टरों के अलावा नर्सिंग स्टाफ और अन्य पैरामेडिकल कर्मियों की संख्या बढ़ाने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

    सरकारी अस्पतालों में अब तक किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में कुछ चुनिंदा अस्पतालों में इसकी शुरुआत की जा सकती है। इसके अलावा सरकार की कोशिश है कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी जटिल और महंगी चिकित्सा सुविधाएं भी राज्य में ही उपलब्ध कराई जाएं। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा को तकनीकी रूप से और मजबूत किया जाएगा।

    निर्देश दिया गया है कि एक मोबाइल ऐप विकसित किया जाए, जिसके माध्यम से ऐप डाउनलोड कर या 108 नंबर डायल कर आसानी से एम्बुलेंस बुलाई जा सके। निजी एम्बुलेंस को भी इस व्यवस्था से जोड़ा जाएगा और उन्हें प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया जाएगा। इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और किसी भी तरह की मनमानी पर रोक लगेगी।

    सभी एम्बुलेंस का विभागीय सर्टिफिकेशन, निबंधन और नियमित मूल्यांकन किया जाएगा। नियमों के उल्लंघन पर निबंधन रद्द करने का प्रावधान भी रहेगा। ममता वाहन सेवा को भी ऐप से जोड़ने, साफ्टवेयर के लिए आरएफपी तैयार करने और संचालन एजेंसी से नियमित अपडेट सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

    इसी क्रम में बीटीएस झारखंड द्वारा ब्लड बैंक मैनेजमेंट सिस्टम (बीबीएमएस) पर हाल ही में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के सभी रक्त केंद्रों का डिजिटलीकरण कर ब्लड बैंक संचालन में पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करना है। सी-डैक के राष्ट्रीय विशेषज्ञ रामजी गुप्ता ने बीबीएमएस की विस्तृत जानकारी दी और राज्य के विभिन्न रक्त केंद्रों के प्रतिनिधियों को इसके संचालन का प्रशिक्षण प्रदान किया।