JSSC CGL Paper Leak: सीजीएल पेपर लीक मामले में हाई कोर्ट ने लगाई रिजल्ट पर रोक, सरकार से मांगी जांच रिपोर्ट
Jharkhand CGL Paper Leak झारखंड हाई कोर्ट ने जेएसएससी द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच पूरी होने तक अंतिम परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। सरकार ने दावा किया है कि अब तक की जांच में पेपर लीक होने का कोई सबूत नहीं मिला है। हालांकि कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पूछताछ जारी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में बुधवार को जेएसएससी द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सीजीएल परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी करने पर रोक हटाने से इन्कार करते हुए सरकार से जांच की रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई सात मई को निर्धारित की है। विभिन्न विभागों में 2,025 पदों को भरने के लिए जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा ली है।
सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
- सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि इस मामले की जांच में अब तक पेपर लीक किए जाने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
- अब तक की जांच में जो साक्ष्य सामने आए, उसके अनुसार प्रार्थियों द्वारा पेपर लीक होने का आरोप निराधार प्रतीत हो रहा है। इस मामले में संलिप्त कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कई लोगों से पूछताछ जारी है।
- सरकार की ओर से सीजीएल परीक्षा के परिणाम पर लगी रोक को हटाए जाने की मांग की गई। अदालत ने इससे इन्कार करते हुए सरकार से पूछा कि मामले की जांच कब तक पूरी कर ली जाएगी।
- सरकार की ओर से बताया गया कि जांच पूरी करने में एक माह लगेगा। कोर्ट ने कहा कि सरकार इस मामले में जांच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करें।
जेएसएससी ने क्या रखा पक्ष?
जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह और प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और समीर रंजन ने पक्ष रखा।
इस दौरान करीब 190 सफल अभ्यर्थियों की ओर से हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर उनका पक्ष सुनने का आग्रह किया गया।
प्रार्थी प्रकाश कुमार व अन्य की ओर से सीजीएल परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए जांच के लिए याचिका दाखिल की गई है। अदालत से जांच पूरी होने के बाद ही परीक्षा का परिणाम जारी करने का आग्रह किया गया है।
पिछली सुनवाई में अदालत को बताया गया था कि इस मामले में राजेश कुमार ने ई-मेल से लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
रांची के डीसी और एसएसपी को भी पत्र लिख कर शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। इसपर कोर्ट ने सरकार को प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने का निर्देश देते हुए रिपोर्ट मांगी थी।
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