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    Jharkhand News: 'कोर्ट को गुमराह न करें...', बांग्लादेशी घुसपैठ पर झारखंड HC ने अधिकारियों को लगाई फटकार

    Updated: Fri, 19 Jul 2024 11:40 AM (IST)

    गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट में बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई में अदालत ने संताल परगना के छह जिलों के उपायुक्तों की बजाय कनीय अधिकारियों द्वारा शपथपत्र दाखिल किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। इसके साथ ही उनके द्वारा शपथपत्र लेने से इन्कार भी किया है। राज्य के संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले सामने आए हैं।

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    बांग्लादेशी घुसपैठ पर झारखंड हाई कोर्ट ने अधिकारियों से जताई नाराजगी (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand High Court On Bangladeshi Infiltration झारखंड हाई कोर्ट में राज्य के संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई।

    चीफ जस्टिस डॉ. बीआर सारंगी व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान संताल परगना के छह जिलों के उपायुक्तों की बजाय कनीय अधिकारियों द्वारा शपथपत्र दाखिल किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए शपथपत्र लेने से इन्कार कर दिया।

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    अदालत ने नाराजगी जताते हुए क्या कहा?

    अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास क्यों किया जा रहा है? अदालत ने देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों को दोबारा शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी।

    जामताड़ा, दुमका और गोड्डा जिला प्रशासन का दावा है कि उनके जिले में बांग्लादेशी घुसपैठ कोई मामला नहीं है। साहिबगंज में कुछ मामले सामने आए हैं। इन क्षेत्रों में मदरसा पहले का है। अदालत ने इस शपथपत्र को अस्वीकार कर दिया।

    अदालत ने पिछली सुनवाई में संताल परगना के छह जिलों के उपायुक्तों को शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने सभी उपायुक्तों को यह निर्देश दिया था कि आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश की तरफ से आने वाले घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने की एक कार्ययोजना तैयार कर काम करें।

    मुख्य सचिव करेंगे निगरानी

    संबंधित जिलों के एसपी घुसपैठ का डाटा उपलब्ध कराने में उपायुक्तों को सहयोग करेंगे। मुख्य सचिव इन सभी की निगरानी करेंगे। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि मामले में जो शपथपत्र दाखिल किए गए हैं, वह डीसी के बजाय कनीय अधिकारियों की ओर से दाखिल हुए।

    गोड्डा से डीसीएलआर, दुमका से एडिशनल कलेक्टर, देवघर से जिला शिक्षा पदाधिकारी, पाकुड़ से एसडीओ, जामताड़ा से डीसीएलआर की ओर से शपथपत्र दाखिल किया गया था। जनहित यािचका में घुसपैठ के मामले को जनसांख्यिकी तथा आिदवािसयों के अस्तित्व के लिहाज से खतरनाक बताया गया है।

    पिछली सुनवाई में अदालत ने की थी कड़ी टिप्पणी पिछली सुनवाई में अदालत ने मौखिक रूप से राज्य सरकार से कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आपकी जमीन पर रह रहे हैं। वे तमाम सुविधा उठा रहे हैं। इनको चिह्नित करना होगा और वापस बांग्लादेश भेजना होगा।

    इन्होंने दाखिल की याचिका

    बता दें कि इस संबंध में दानियल दानिश की ओर से जनहित याचिका दाखिल कर संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों रोकने की मांग की है। प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज आदि झारखंड के सीमावर्ती इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं।

    इससे इन जिलों में जनसंख्या में कुप्रभाव पड़ रहा है। इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसा स्थापित किया जा रहा है। घुसपैठिए स्थानीय आदिवासियों के साथ वैवाहिक संबंध बनाकर जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। प्रार्थी ने घुसपैठियों को चिह्नित करने और उनको वापस भेजने की गुहार लगाई है।

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