Jharkhand News: 'अभी छोड़ दिए हैं, आगे नहीं छोड़ेंगे...', मंत्री इरफान अंसारी ने BJP विधायक को दी धमकी
झारखंड के हजारीबाग के एक अस्पताल में सरकार के मंत्री इरफान अंसारी और बीजेपी विधायक प्रदीप प्रसाद के बीच सियासी घमासान छिड़ गया। वहीं मंत्री इरफान अंसारी ने बीजेपी विधायक को धमकी तक दे डाली। मंत्री ने साफ-साफ कहा कि अस्पताल में जात-पात लाना छोड़ दीजिए नहीं तो ठीक नहीं होगा। अभी तो छोड़ दिए हैं लेकिन आगे से नहीं छोड़ेंगे।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और हजारीबाग से भाजपा के विधायक प्रदीप प्रसाद के बीच नोकझोंक हुई। प्रदीप प्रसाद द्वारा हजारीबाग सदर अस्पताल के संबंध में सवाल पूछने पर मंत्री ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि ये उक्त सवाल को शून्यकाल में ला चुके हैं। अब प्रश्नकाल में इसे उठा रहे हैं।
अभी तो छोड़ देते हैं, लेकिन आगे से नहीं बख्शेंगे
उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक हजारीबाग सदर अस्पताल में कियोस्क और भाजपा का झंडा लगा दिए हैं। चेतावनी दी कि अस्पताल में जात-पात लाएंगे तो ठीक नहीं होगा। अभी छोड़ दिए हैं, आगे नहीं छोड़ेंगे।
विधायक प्रदीप प्रसाद ने दी सफाई
इसपर विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि मंत्री वहां भाजपा का झंडा दिखा देंगे तो वे विधानसभा की सदस्यता छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि सफाई दी कि वे वहां संजीवनी सेवा कुटीर चलाते हैं, जिसके माध्यम से वे प्रतिदिन कई मरीजों का सदर अस्पताल में इलाज कराकर जान बचाते हैं।
दूसरी तरफ, गिद्ध की तरह मंडराते हुए निजी अस्पताल मरीजों को वहां से ले जाते हैं। कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनकी बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए ज्यादा बोलें नहीं, बल्कि लोगों का इलाज करें।
बाबूलाल मरांडी की मांग-सीएजी रिपोर्ट पर लाएं श्वेतपत्र
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में सरकार की कमियां उजागर हुई है। उन्होंने सरकार से पिछले पांच साल का श्वेतपत्र जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में चिकित्सा कर्मचारियों की भारी कमी की रिपोर्ट सीएजी ने दी है।
सरकार कोविड के लिए दी गई राशि खर्च नहीं कर सकी। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने मार्च 2020 से दिसंबर 2021 के बीच राज्य आपदा कोष की 754.61 करोड़ की राशि कोविड 19 प्रबंधन के लिए दी, लेकिन 539.56 करोड़ का उपयोग ही फरवरी 2022 तक किया गया।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 19125 करोड़ राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया। रिपोर्ट में उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिए जाने पर विभागों में भ्रष्टाचार की आशंका जाहिर की गई है।
वित्त लेखे पर टिप्पणी में लिखा गया है कि वर्ष 2023-24 के दौरान विभागों द्वारा सहायक अनुदान के तौर पर दी गई 19125.88 करोड़ की राशि के विरुद्ध 5209 उपयोगिता प्रमाण पत्र राज्य सरकार के निकायों व प्राधिकारों के द्वारा जमा नहीं कराए गए।
सीएजी की रिपोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई गई है कि इस राशि का व्यय किस प्रयोजन में किया गया, इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई।
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