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    Jharkhand: केंद्र सरकार पर 1.36 लाख करोड़ रुपये का कोयला बकाया, अब झारखंड सरकार ने उठाया ये कदम

    Updated: Thu, 13 Feb 2025 09:24 PM (IST)

    झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया भुगतान की मांग की है। अब इसके लिए झारखंड सरकार अधिकारियों की हाई पावर कमटी गठित करेगी। राज्य सरकार के वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष यह मांग उठाई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कोयला रॉयल्टी मद में यह राशि राज्य को दे।

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    केंद्र से बकाया विवाद सुलझाने को बनेगी हाई पावर कमेटी। (फोटो एक्स हैंडल)

    राज्य ब्यूरो, रांची। केंद्र सरकार पर कोल रॉयल्टी मद में राज्य का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये और विशेष सहायता अनुदान की बाकी राशि लेने के लिए झारखंड सरकार अधिकारियों की हाई पावर कमेटी गठित करेगी।

    सरकार से आपसी विमर्श और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सहमति लेकर समिति बकाया वसूली की दिशा में वार्ता के लिए आगे बढ़ेगी। राज्य सरकार की ओर से इसकी भी तैयारी की गई है कि आवश्यकता अनुसार इस मामले में कानून का भी सहारा लिया जा सकता है।

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    इसके लिए विशेषज्ञों की भी सेवा ली जाएगी। राज्य सरकार के वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और कोयला मंत्री जी कृष्णा रेड्डी से मुलाकात कर इस आशय की मांग उठाई थी।

    उन्हें आश्वासन दिया गया था कि केंद्र सरकार इस दिशा में आवश्यक पहल करेगी। इसी के अनुसार कोयला मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ परस्पर समन्वय बनाकर कार्य करें।

    राज्य सरकार को भी इस दिशा में सहयोग करने को कहा गया। वरिष्ठ अधिकारियों का दल इस जटिल मसले को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य का हक लेने की दिशा में कार्रवाई होगी।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सहमति लेकर इस संबंध में लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से इस सिलसिले में विमर्श किया है। दिल्ली में उन्हें केंद्रीय मंत्रियों ने भरोसा दिलाया है कि बकाये का वास्तविक आकलन कर भुगतान किया जाएगा। इस पहल से इस मामले का समाधान होने की उम्मीद है।

    राज्य सरकार ने केंद्र से उल्लेख किया है कि कोल उत्खनन प्रक्षेत्र में धुले कोयले की रॉयल्टी का बकाया 2,900 करोड़, किसी भी कंपनी की पर्यावरण मंजूरी सीमा तक पहुंच में उत्खनित खनिज की कीमत पर बकाया 32,000 करोड़ रुपये एवं भूमि अधिग्रहण संबंधी बकाया 1,01,142 करोड़ रुपये यानी कुल 1,36,042 करोड़ रुपये बकाया है।

    ग्रांट्स इन ऐड में वर्षवार हो रही कमी

    केंद्रीय वित्तमंत्री का ध्यान राज्य को मिल रहे सहायता अनुदान (ग्रांट्स इन ऐड) में कमी की ओर भी दिलाया गया है। झारखंड को प्राप्त होने वाली सहायता अनुदान की राशि में वर्षवार कमी दर्ज की गई है।

    वर्ष 2019-20 में 12302.67 करोड़ रुपये, वर्ष 2020-21 में 11993.31 करोड़ रुपये, वर्ष 2021-22 में 10666.85 करोड़ रुपये, वर्ष 2022-23 में 10893.54 करोड़ रुपये, वर्ष 2023-24 में 9146.26 करोड़ रुपये, वर्ष 2024-25 में 16961.35 करोड़ की राशि अपेक्षित थी।

    कुल मिलाकर राज्य को 16961.35 करोड़ रुपये की राशि की अपेक्षा थी, लेकिन इसके विरुद्ध दिसंबर- 2024 तक झारखंड को 4808.89 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए। राज्य की दावेदारी शेष 12152.46 करोड़ रुपये की है।

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