Jharkhand News: जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र को लेकर सरकार सख्त... लापरवाही पर अधिकारी होंगे दंडित... सिस्टम को सरल बनाने की हिदायत
Birth Death Certificate राज्य स्तरीय जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण प्रशिक्षण सह कार्यशाला में बोले योजना एवं विकास विभाग के सचिव राहुल शर्मा। सभी जिला से जिला सांख्यिकी पदाधिकारी नगर निगम व सरकारी अस्पतालों तथा मेडिकल कालेज के रजिस्ट्रार रहे मौजूद।

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य ग्रामीण विकास संस्थान (सर्ड) के हेहल स्थित सभागार में सोमवार को दो दिवसीय राज्य स्तरीय जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण प्रशिक्षण सह कार्यशाला का शुभारंभ हो गया। मौके पर सभी जिलों से जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार, नगर निगम के अधिकारी, सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कालेजों के रजिस्ट्रार मौजूद रहे। योजना एवं विकास विभाग के अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे विभागीय सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि आज भी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने वाले लोगों को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ये प्रमाण पत्र कैसे सरल व सहज तरीके से बने, इसपर सबको ध्यान देना होगा।
आंकड़े ठीक होंगे तो योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी
उन्होंने कहा कि इस बात को सभी लोग गांठ बांध लें कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर हम अहसान नहीं कर रहे हैं। यह एक सेवा है, जिसे हमें देनी है। इसके लिए बड़े जगह पर एक सेंटर बने, जिसे माडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। इन प्रमाण पत्रों को बनवाने में जो कठिनाइयां सामने आ रही हैं, उसकी जिला स्तर पर समीक्षा करें, उसका निदान निकालें। सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि राज्य हो या देश, कोई भी सरकारी योजना जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर बनती है। जब हम आसानी से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाएंगे तो हमारे आंकड़े भी दुरुस्त होंगे, जिसके आधार पर सरकारी योजनाएं आसानी से आम जनता तक पहुंचेगी।
दक्षिण भारत के राज्यों के आंकड़े दुरुस्त होते हैं
उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों के आंकड़े बहुत दुरुस्त होते हैं, वहां सांख्यिकी पदाधिकारी सर्वे भी करते हैं। राज्य में भी इसे अप-टू-डेट करने में ऐसी कार्यशालाएं मददगार साबित होंगी। कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में यूनिसेफ कंस्लटेंट के. नारायण उन्नी, जनगणना कार्य निदेशालय के उपनिदेशक पर्णलेखा दास गुप्ता, सहायक निदेशक राम भास्कर द्विवेदी ने प्रतिभागियों को सरल तरीके से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के तरीके की जानकारी दी। मौके पर अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के निदेशक संजीव कुमार बेसरा, सहायक निदेशक मृगेंद्र कुमार ने भी संबोधित किया।
वर्ष 2024 तक शत-प्रतिशत जन्म-मृत्यु निबंधन का लक्ष्य
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 के तहत सभी राज्यों में शत-प्रतिशत जन्म-मृत्यु निबंधन का लक्ष्य निर्धारित है। झारखंड में इस लक्ष्य की प्राप्ति वर्ष 2024 तक किया जाना है। खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग से जन वितरण प्रणाली कार्यों को जन्म-मृत्यु निबंधन कार्य से जोड़ने की आवश्यकता है। इससे नए सदस्य का नाम जोड़ने व मृत्यु के बाद राशन कार्ड से नाम हटाने में सहयोग संभव हो पाएगा। महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग को जन्म-मृत्यु निबंधन से जोड़ने से वृद्धावस्था पेंशन योजनाओं में लाभुकों के नाम जोड़ने एवं मृत्यु के बाद सूची से नाम हटाने में सहयोग मिलेगा।
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