Jharkhand News: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर झारखंड सरकार सख्त, शिक्षा सचिव ने आयुक्तों को लिखा पत्र
निजी विद्यालयों द्वारा मनमाने ढंग से अभिभावकों से शुल्क वसूलने का मामला विधानसभा में उठा था। विधानसभा में यह मामला उठने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग संबंधित कानून को लागू कराने को लेकर एक्शन में आया है। विधानसभा में विधायक रागिनी सिंह तथा प्रदीप प्रसाद ने निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग शुल्क वसूलने को लेकर मामला अलग-अलग दिन उठाया था।
राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा में निजी विद्यालयों द्वारा मनमाने ढंग से अभिभावकों से शुल्क वसूलने की मामला उठने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग संबंधित कानून को लागू कराने को लेकर एक्शन में आया है।
शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने गुरुवार को सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और उपायुक्तों को पत्र भेजकर झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 के प्रविधानों के तहत विद्यालय स्तर पर शुल्क समिति तथा सभी जिलों में उपायुक्तों की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा सचिव ने दिए निर्देश
उन्होंने बजट सत्र में विधायकों द्वारा उठाए गए मामलों से भी आयुक्तों और उपायुक्तों को अवगत कराते हुए 15 दिनों के भीतर सभी स्तरों पर समितयों का गठन कर जानकारी देने को कहा है।
शिक्षा सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 की धारा 7(अ) (1) के तहत निजी विद्यालयों द्वारा लगाए गए शुल्क विनियमित करने के लिए प्रत्येक विद्यालय स्तर पर शुल्क समिति गठित करने का प्रविधान है।
इसी तरह, धारा 7 (अ) (2) के तहत निर्धारित शुल्क के विरुद्ध आने वाले मामले में निर्णय लेने के लिए संबंधित जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित करने का प्रविधान है।
वहीं, धारा 7 (अ) (5) के तहत अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों के किसी भी प्रविधानों के उल्लंघन में उत्तरदायित्वों के निर्धारण एवं कार्यान्वयन के लिए संबंधित प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त को अधिकृत किया गया है।
उन्होंने इन सभी समितियों का गठन अनिवार्य रूप से करने को कहा है। बता दें कि विधानसभा में विधायक रागिनी सिंह तथा प्रदीप प्रसाद ने निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग शुल्क वसूलने को लेकर मामला अलग-अलग दिन उठाया था।
इसपर स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने भी सरकार को कानून बनाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इसे लेकर कानून पहले से लागू है, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा था।
कोर्ट में हार चुके हैं निजी विद्यालय
सचिव ने आयुक्तों और उपायुक्तों को यह भी जानकारी दी है कि शुल्क निर्धारण के लिए अधिनियम के तहत निर्धारित प्रविधानों की चुनौती सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों द्वारा झारखंड उच्च न्यायालय में दी गई थी।
इसे लेकर डीबीएमएस कदमा हाई स्कूल बनाम झारखंड सरकार एवं अन्य सहित समरूप अन्य 36 वादों में उच्च न्यायालय ने 14 मार्च 2024 को पारित आदेश में प्रविधानों को वापस लेने के अनुराेध को खारिज कर दिया है।
शिक्षा सचिव ने संबंधित अधिनियम तथा झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी सभी आयुक्तों और उपायुक्तों को भेजी है।
जिला समिति में होंगे सांसद और विधायक भी
विद्यालय स्तर पर गठित होने वाली शुल्क समिति में विद्यालय प्रबंधन द्वारा नामित व्यक्त अध्यक्ष तथा प्राचार्य सचिव होंगे। समिति में तीन शिक्षक तथा अभिभावक समिति द्वारा मनोनीत चार अभिभावक सदस्य होंगे। वहीं, उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति में संबंधित सांसद और विधायक भी रहेंगे।
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