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    Jharkhand Election Result: चुनाव परिणाम तय करेंगे JMM-कांग्रेस गठबंधन का भविष्य, NDA के घटक दल भी सक्रिय

    झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस के राजनीतिक भविष्य को तय करेंगे। अगर नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे तो दोनों दलों के बीच खटपट बढ़ सकती है। पिछले दो विधानसभा चुनाव से दोनों दल तालमेल कर लड़ते रहे हैं। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भी दोनों दलों ने गठबंधन कर आदिवासी सुरक्षित सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की थी।

    By Pradeep singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 21 Nov 2024 07:11 PM (IST)
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    कांग्रेस नेता राहुल गांधी और झामुमो नेता हेमंत सोरेन।

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस का राजनीतिक तालमेल बहुत कुछ चुनाव परिणाम (Jharkhand Election Result 2024) पर निर्भर करेगा। अगर अपेक्षा के अनुरूप परिणाम नहीं आए तो दोनों दलों के बीच खटपट बढ़ सकती है। जिन राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ कांग्रेस का तालमेल है, वहां बेहतर परिणाम नहीं आने पर कांग्रेस के सिर हार का ठीकरा फूटता रहा है। ऐसे में राज्य मेंं कांग्रेस के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के तालमेल पर असर पड़ सकता है।

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    उल्लेखनीय है कि पिछले दो विधानसभा चुनाव से दोनों दल तालमेल कर लड़ते रहे हैं। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भी दोनों दलों ने गठबंधन कर आदिवासी सुरक्षित सभी पांच सीटों पर कामयाबी पाई थी। गठबंधन की अग्निपरीक्षा विधानसभा चुनाव में है। हालांकि, चुनाव के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारक पार्टी प्रत्याशियों के चुनाव क्षेत्र में ही सिमटे रहे।

    गठबंधन के अन्य घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और भाकपा माले के प्रत्याशियों के पक्ष में इन्होंने प्रचार नहीं किया। भाजपा के प्रमुख नेताओं के मुकाबले ये आक्रामक प्रचार अभियान नहीं चला पाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने सिर्फ कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया।

    इसके ठीक विपरीत हेमंत सोरेन (Hemant Soren) और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) ने गठबंधन के सभी दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया। गठबंधन के घटक दलों की तरफ से इनकी डिमांड सर्वाधिक थी।

    राजग का भी दायरा बढ़ा, परिणाम पर नजर

    राज्य में भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजद) का भी दायरा विधानसभा चुनाव में बढ़ा है। पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा ने अकेले लड़ा था। इस बार भाजपा ने आजसू पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और लोजपा (रामविलास) के साथ तालमेल किया।

    आजसू पार्टी को तालमेल के तहत 10 सीटें, जनता दल यूनाइटेड को दो और लोजपा (रामविलास) के हिस्से में एक सीट आई। परिणाम के आधार पर राजग में भी भविष्य में सीटों की दावेदारी निर्भर करेगी।

    स्टार प्रचारकों ने भाजपा के पक्ष में बनाया माहौल, अब जीत का दावा

    विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और एनडीए घटक दलों के स्टार प्रचारकों ने पखवाड़े भर चले प्रचार अभियान में जमकर माहौल बनाया। 01 नवंबर से 18 नवंबर के बीच राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा व नुक्कड़ सभा सहित प्रेस वार्ता में भाजपा नेता शामिल हुए। इन 18 दिनों में 161 के करीब चुनावी सभा में इन स्टार प्रचारकों ने हिस्सा लिया, और पार्टी इस आधार पर जीत का दावा कर रही है।

    केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 सभाएं कीं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने 38 और केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 7 सभाएं की। केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 4, केन्द्रीय मंत्री जुएल ओराम ने 7, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 सभाओं को संबोधित किया।

    वहीं, बिहार के उमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 2, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 15, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने 6, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने 23, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने 2 सभा की। अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने 5, सांसद मनोज तिवारी ने 2, दिनेश लाल निरहुआ ने 2, अनिल एंटोनी ने 2, चिराग पासवान ने 8 सभाओं में शामिल होकर भाजपा एनडीए के लिए वोट मांगा।

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