Hemant Soren: अब क्या करेंगे हेमंत सोरेन? चुनाव परिणाम से पहले आ गया नया नोटिस, 28 नवंबर पर नजर
झारखंड हाई कोर्ट ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा की मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि 2016 के विज्ञापन के आधार पर अब तक कितने शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। पीठ ने कहा कि अगली सुनवाई तक केस से संबंधित पक्ष लिखित बहस भी कोर्ट में प्रस्तुत कर सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की पीठ में शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (Jharkhand Teacher Bharti Exam) की मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद पीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। पीठ ने सरकार से पूछा है कि वर्ष 2016 में जारी हुए विज्ञापन के आधार पर अब तक कितने शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। मामले में अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।
पीठ ने कहा कि अगली सुनवाई तक केस से संबंधित पक्ष लिखित बहस भी कोर्ट में प्रस्तुत कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कई ऐसे अभ्यर्थी की नियुक्ति की गई है, जिनको प्रार्थियों से कम अंक मिले है। उनकी ओर से इससे संबंधित दस्तावेज भी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
जेएसएससी के अधिवक्ता ने कोर्ट को क्या बताया?
जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थियों का यह कहना गलत है कि प्रार्थी का अंक राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट में अंतिम चयनित अभ्यर्थी से ज्यादा है।
उनकी ओर से वैसे अभ्यर्थियों का उदाहरण दिया जा रहा है जिनकी नियुक्ति जिला स्तरीय मेरिट लिस्ट के आधार पर हुई थी, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संरक्षित थे। सुप्रीम कोर्ट के सत्यजीत कुमार के मामले में दिए गए आदेश के आलोक में जेएसएससी ने राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के तहत नियुक्ति की अनुशंसा की है। नियुक्ति की अनुशंसा में किसी तरह की कोई त्रुटि नहीं है।
सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को मौखिक बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में कर्मचारी चयन आयोग ने परिणाम जारी किया है। योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने की वजह से तीन हजार पद रिक्त हैं। इसलिए आयोग ने तीन हजार पद को समर्पित कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को उक्त जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट के समक्ष रखने का निर्देश दिया।
पूर्व में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जेएसएससी और सरकार से नियुक्ति का ब्योरा मांगा था। जेएसएससी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिन चार हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई है, उनके श्रेणी, कट आफ मार्क्स, अनुशंसा और नियुक्ति की तिथि सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया था।
आयोग की ओर से सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गई। इस संबंध में मीना कुमारी एवं अन्य ने याचिका दाखिल कर स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 के राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट पर आपत्ति जताई है। प्रार्थियों का दावा है कि उनसे कम अंक पाने वाले को नियुक्ति प्रदान की गई है। अगर हाई स्कूल शिक्षकों की रिक्तियां बची है तो उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए।
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