Champai Soren: चंपई सोरेन की सीट पर मुकाबला जबरदस्त, यहां जानें JMM से पूर्व सीएम को कौन दे रहा टक्कर
झारखंड की सरायकेला विधानसभा सीट इस वक्त एक हॉट सीट बन चुकी है। दरअसल यहां से पूर्व सीएम चंपई सोरेन को भाजपा ने मैदान में उतरा है। चंपई पहले झामुमो में थे। चुनाव से कुछ ही समय पहले वह भाजपा में शामिल हुए थे। चंपई पांच महीने तक झारखंड के सीएम रहे। सरायकेला सीट से चंपई छह बार विधायक बन चुके हैं।

डिजिटल डेस्क, रांची। सरायकेला विधानसभा सीट पर झामुमो ने गणेश महाली को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि भाजपा ने चंपई सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर झामुमो व भाजपा की सीधी टक्कर है।
इस सीट पर सातवीं बार चंपई सोरेन विधायक बनने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं। जबकि गणेश महाली का मुकाबला दो बार चंपई सोरेन से इसी सीट पर हो चुके है। सिर्फ पार्टी अलग अलग थी। सरायकेला टाउन की बात करें तो यहां झामुमों व भाजपा को मतदान आधा आधा मिलने की उम्मीद जानकार जता रहे हैं।
सरायकेला विधानसभा में संथाल वोटरों की संख्या करीब 70 हजार है। वहीं महतो वोट 45 हजार के करीब है। इस विधानसभा में संथाल वोट ही किसी के जीत हार का फैसला करती है। इसलिए चंपई सोरेन व गणेश महाली दोनों ही प्रत्याशियों द्वारा संथाल वोटरों को अपने पक्ष में करने में लगे हुए हैं।
कौन हैं चंपई सोरेन
चंपई सोरेन झारखंड के पूर्व सीएम हैं। वह 2 फरवरी, 2024 से 3 जुलाई, 2024 तक यानी कि लगभग महीने झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उन्हें झामुमो की तरफ से सीएम बनाया गया था।
चंपई सोरेन झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोडा गांव के निवासी हैं। उनके पिता सिमल सोरेन एक किसान थे। चंपई ने अपनी शिक्षा सरकारी स्कूल में 10वीं कक्षा तक पूरी की। उनका विवाह कम उम्र में मानको से हुआ था। वह चार बेटों और तीन बेटियों के पिता हैं।
बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग के बाद, चंपई सोरेन ने शिबू सोरेन के साथ मिलकर आंदोलन में भाग लिया और जल्द ही झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर हो गए। उन्होंने सरायकेला सीट से निर्दलीय विधायक बनकर राजनीति में कदम रखा और बाद में झारखंड मुक्ति मोर्च में शामिल हो गए।
चंपई सोरेन की राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण पद शामिल हैं
- कैबिनेट मंत्री- भाजपा नेता अर्जुन मुंडा की सरकार में चंपई सोरेन कैबिनेट मंत्री थे और उन्हें अहम मंत्रालय दिए गए थे।
- मंत्री- चंपई सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक मंत्री रहे और इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था।
- परिवहन मंत्री- हेमंत सोरेन के नेतृत्व में JMM की सरकार में चंपई खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व परिवहन मंत्री रहे।
- अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री- 2019 में फिर हेमंत के सीएम बनने पर उन्होंने परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री का कार्यभार संभाला।
झामुमो छोड़कर भाजपा में हुए शामिल
जुलाई में चंपई ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, हेमंत सोरेन फिर से झारखंड के सीएम बन गए। यहां तक कि हेमंत ने चंपई को अपने नए कैबिनेट मेंजगह भी दी, लेकिन कुछ समय बाद दोनों के रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई। चंपई ने बाद में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, भाजपा में शामिल हो गए।
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