Jharkhand: डीजीपी अनुराग गुप्ता को मिलेगी प्रोविजनल पे-स्लिप, एक्सटेंशन अवैध होने पर रिकवरी होगी
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के पद पर बने रहने को लेकर विवाद जारी है। महालेखाकार कार्यालय ने उन्हें औपबंधिक पे-स्लिप जारी करने का निर्णय लिया है, क्योंकि राज्य सरकार ने नई नियमावली के तहत उनकी सेवा अवधि फरवरी 2027 तक बढ़ाई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इसे नियमों का उल्लंघन बताया है, और झारखंड हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई लंबित है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता के पद पर बने रहने को लेकर चल रहे विवाद के बीच महालेखाकार (एजी) कार्यालय ने उन्हें औपबंधिक (प्रोविजनल) पे-स्लिप जारी करने का निर्णय लिया है। यह कदम राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा महालेखाकार को लिखे गए पत्र के जवाब में उठाया गया है, जिसमें डीजीपी की नियुक्ति से संबंधित नई नियमावली के तहत अनुराग गुप्ता की सेवा अवधि फरवरी 2027 तक विस्तारित करने की बात कही गई थी।
इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई लंबित होने के कारण पे-स्लिप को औपबंधिक रूप से जारी किया जाएगा। यदि उनकी नियुक्ति अवैध ठहराई गई तो वेतन की रिकवरी की जाएगी। गृह विभाग ने हाल ही में महालेखाकार कार्यालय को पत्र लिखकर अनुराग गुप्ता के डीजीपी पद पर कार्यरत रहने की स्थिति को स्पष्ट किया है।
पत्र में कहा गया कि आठ जनवरी 2025 को अधिसूचित नई नियमावली झारखंड पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक (पुलिस बल प्रमुख) चयन और नियुक्ति नियम, 2025 के तहत अनुराग गुप्ता की नियुक्ति दो फरवरी 2025 से दो वर्ष के लिए की गई है। इस आधार पर गृह विभाग ने महालेखाकार से अनुराग गुप्ता की पे-स्लिप जारी करने का अनुरोध किया। ज
वाब में एजी कार्यालय ने औपबंधिक पे-स्लिप जारी करने की सहमति के साथ यह शर्त जोड़ी है कि यदि हाई कोर्ट में उनकी नियुक्ति को अवैध ठहराया जाता है तो उनके द्वारा प्राप्त वेतन की रिकवरी की जाएगी। वहीं, यदि नियुक्ति वैध मानी जाती है तो उन्हें नियमित वेतन मिलता रहेगा।
चल रहा है विवाद, केंद्र सरकार ने भेजा था पत्र
यह विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल 2025 को झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को 60 वर्ष की आयु पूरी होने के कारण सेवानिवृत्त हो चुके हैं। केंद्र ने उनकी सेवा विस्तार को अस्वीकार करते हुए इसे अखिल भारतीय सेवा नियमों और सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह मामले के निर्देशों का उल्लंघन बताया।
इसके विपरीत झारखंड सरकार ने तर्क दिया कि गुप्ता की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नई नियमावली के तहत की गई है। विपक्ष के नेता नेता बाबूलाल मरांडी ने गुप्ता की नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए झारखंड हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
मरांडी का आरोप है कि राज्य सरकार ने यूपीएससी की सिफारिशों को दरकिनार कर गुप्ता को राजनीतिक लाभ के लिए नियुक्त किया। हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई 2025 को निर्धारित है। अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें 26 जुलाई 2024 से कार्यवाहक डीजीपी और दो फरवरी 2025 से नियमित डीजीपी नियुक्त किया गया था।
उनकी नियुक्ति से पहले और बाद में कई विवाद सामने आए, जिसमें 2016 के राज्यसभा चुनाव में कथित हार्स ट्रेडिंग का मामला शामिल है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने 2019 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों में उनके खिलाफ शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की थी।
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