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    Jharkhand: कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को दिल्ली से क्या मिला आदेश? बात नहीं मानने पर चली जाएगी कुर्सी

    Updated: Sun, 09 Feb 2025 09:29 PM (IST)

    Jharkhand Politics झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के लिए संगठन को साथ लेकर चलना बड़ी चुनौती है। केंद्रीय नेतृत्व ने हर तीन महीने में समीक्षा का निर्देश दिया है। विफलता पर मंत्रियों को पद गंवाना पड़ सकता है। कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरना भी जरूरी है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर मंत्रियों को प्रेरित कर रहे हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के सामने एक बड़ी चुनौती केंद्रीय नेतृत्व की ओर से सौंपी गई है। दायित्व है संगठन को साथ लेकर चलने का।

    पिछली सरकार में भी इस प्रकार की कोशिश केंद्रीय नेतृत्व ने की थी लेकिन कुछ मंत्रियों ने अनदेखी की और नतीजा यह रहा कि केंद्रीय नेतृत्व को उन्हें बदलने का निर्णय लेना पड़ा।

    इस बार मंत्रियों को इतना मौका नहीं मिलेगा। हर तीन महीने में केंद्रीय नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा और पता लगाएगा कि आखिर कितना काम आगे बढ़ा।

    मंत्री भी अपनी ओर से पूरी सतर्कता बरतेंगे

    • मंत्रियों की विफलता उन्हें पद गंवानेवालों की सूची में शामिल करा देगा। मंत्री भी अपनी ओर से पूरी सतर्कता बरतेंगे।
    • मंत्रियों से सर्वाधिक उम्मीदें कार्यकर्ताओं को होती है। मंत्री बनने के बाद उनके लिए पूरा प्रदेश संगठन ही कार्यकर्ता के तौर पर काम करता है।
    • इतने लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना वाकई किसी चुनौती से कम नहीं है। काम से अधिक शिकायतें होने लगती हैं और इसी स्थिति को झेलने के लिए मंत्रियों को तैयार रहना होगा।
    • आखिर मंत्रियों को सोचना चाहिए कि संगठन के भरोसे ही उन्हें जीत मिली है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी मंत्रियों को इसके लिए बार-बार प्रेरित करते रहते हैं कि सबको छोड़कर कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरें। अब देखने की बात होगी कि आगे क्या होगा।

    कांग्रेस के बिना भाजपा की हार असंभव : पप्पू यादव

    पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने रविवार को जमशेदपुर जिला कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के अहंकार के चलते दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार हुई और भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस का साथ जरूरी है।

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    बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा जीत को ध्यान में रखकर होना चाहिए। यादव ने कहा कि ''आइएनडीआइए'' गठबंधन की एकता होती तो भाजपा दिल्ली न जीत पाती।

    उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर जातिगत जनगणना और मंडल आयोग की सिफारिशों के विरोध का आरोप लगाया। कांग्रेस के सहयोग पर बल पप्पू यादव ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।

    उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा को परास्त करने के लिए कांग्रेस का समर्थन अनिवार्य है। बिहार में ''आइएनडीआइए'' गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा जीत की संभावनाओं को देखते हुए तय किया जाना चाहिए।

    केजरीवाल पर निशाना पप्पू यादव ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार के लिए अरविंद केजरीवाल के अहंकार को जिम्मेदार ठहराया।

    केजरीवाल पर भी साधा निशाना

    उन्होंने कहा कि अगर 'आइएनडीआइए' गठबंधन एकजुट होता तो दिल्ली में भाजपा की जीत नहीं होती। उन्होंने केजरीवाल और प्रधानमंत्री मोदी, दोनों पर अहंकारी होने का आरोप लगाया।

    मुस्लिम मतदाताओं पर टिप्पणी पप्पू यादव ने कहा कि मोदी विदेशों में मुसलमानों के प्रति स्नेह दिखाते हैं, लेकिन भारत में उनका रवैया अलग है।

    उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जातिगत जनगणना करवाकर सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को न्याय दिलाना चाहते हैं और उनके जीवन स्तर में सुधार लाना चाहते हैं।

    मोदी जातिगत जनगणना नहीं करवाना चाहते। उन्होंने मोदी पर आंबेडकर विरोधी होने और मंडल आयोग की सिफारिशों का विरोध करने का आरोप भी लगाया।

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