Palamu News: एक अप्रैल से पलामू की 79 शराब दुकानों के संचालन पर संशय, सामने आई ये वजह
झारखंड के पलामू जिले में 1 अप्रैल से 79 शराब की दुकानों के संचालन को लेकर संशय बना हुआ है। राज्य सरकार ने नई उत्पाद नीति के तहत शराब दुकानों का संचालन जेएसबीसीएल को सौंपने का फैसला किया है लेकिन एजेंसी के पास इतने बड़े पैमाने पर कर्मियों की बहाली करना संभव नहीं है। वर्तमान में कार्यरत कर्मियों में से अधिकांश का नियोजनालय में निबंधन नहीं है।
केतन आनंद, मेदिनीनगर (पलामू)। राज्य सरकार ने शराब बिक्री पर नई उत्पाद नीति को अमली जामा पहनाने से पहले आगामी एक अप्रैल से शराब दुकानों का संचालन झारखंड राज्य बिवरेजेज कार्पोरेशन लि.से कराने का निर्णय लिया है। अब इस निर्णय के विभाग द्वारा एजेंसी से दुकानों का हैंड ओवर लेने का काम भी तेजी से आरंभ कर दिया गया।
79 दुकानों के संचालन पर संशय
वहीं, दूसरी ओर एक अप्रैल से जिले के सभी 79 अंग्रेजी, देशी और कंपोजिट दुकानों के संचालन पर संशय व्यक्त किया जा रहा है। दरअसल, सभी शराब दुकानों में एजेंसी का मैन पावर काम कर रहा है।
अब जेएसबीसीएल चाह कर भी इतने बड़े पैमाने पर अपने स्तर से कर्मियों की बहाली नहीं कर सकती है। इसे लेकर विभाग पुराने व मंझे हुए कर्मियों के माध्यम से दुकानों का संचालन करने पर विचार कर रही है।
मैन पावर की कमी
इस संबंध में पूछे जाने पर उत्पाद अधीक्षक बताते है कि सिर्फ नियोजनालय से निबंधित कर्मियों की सेवाएं लिया जाना है। बता दें कि एक दुकान में तीन सैल्स मैन कार्य कर रहे हैं।
इस स्थिति में विभाग को कम से कम 227 कर्मियों की जरूरत पड़ेगी। अब वर्तमान में कार्यरत कर्मियों में 150 से अधिक कर्मियों का नियोजनालय में निबंधन नहीं है।
इस स्थिति में एक साथ 79 दुकानों का संचालन मुश्किल लग रहा है। यह अलग बात है कि विभाग द्वारा पूर्व के एजेंसी द्वारा बहाल कर्मियों से दुकानों का संचालन करा लें। इस स्थिति में पलामू जिले में एक बार फिर ओवर रेंटिग का खेल शुरू हो सकता है।
शुरू हो सकता है ओवर रेटिंग का खेल
दो दारोगा के बूते चल रहे जिले में ओवर रेटिंग पर नियंत्रण उत्पाद विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी। कुल मिलाकर सभी दुकानों का संचालन नहीं किए जाने पर विभाग को राजस्व नुकसान तय माना जा रहा है।
कर्मियों को आठ माह से नहीं मिला है वेतन
शराब दुकानों में मैन पावर सप्लाई करने वाली केएस कंपनी के कर्मियों को पिछले आठ माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। यह अलग बात है कि ओवर रेटिंग के वसूली गई राशि से इनका काम चलता रहा है।
दूसरी ओर विभागीय सूत्रों के अनुसार कंपनी ने शराब बिक्री का करीब चार करोड़ रूपये विभाग के खाते में जमा नहीं किए है। इस स्थिति में 31 मार्च के बाद कंपनी से इतनी बड़ी राशि की वसूली विभाग के लिए एक मुश्किल काम होगा।
आंकड़ों में दिखाई गई बिक्री में कमी
31 मार्च से जिले से अपना बारिया बिस्तर बांधने की तैयारी पर लगी कंपनी ने शराब की बिक्री की राशि में एक अलग तरह का खेला कर दिया।
पिछले एक सप्ताह के शराब बिक्री के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो चार दिनों में औसत से आधे से भी कम बिक्री के आंकड़े जारी किए गए है। बताया जाता है कि एजेंसी ने इस राशि पर घालमेल कर दिया है।
विगत आठ दिनों में शराब की बिक्री का आंकड़ा
22 मार्च 2025 | 70 लाख पांच हजार |
23 मार्च 2025 | 62 लाख 73 हजार |
24 मार्च 2025 | 51 लाख 80 हजार |
25 मार्च 2025 | 45 लाख 10 हजार |
26 मार्च 2025 | 35 लाख 92 हजार |
27 मार्च 2025 | 30 लाख 22 हजार |
28 मार्च 2025 | 30 लाख 75 हजार |
29 मार्च 2025 | 65 लाख |
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