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    झारखंड: वाणिज्यकर विभाग ने 21 हजार करोड़ से अधिक टैक्‍स कलेक्‍शन कर बनाया रिकॉर्ड, वित्‍त मंत्री ने दी जानकारी

    By Pradeep singhEdited By: Prateek Jain
    Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:12 PM (IST)

    Jharkhand Commercial Tax Collection राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने शुक्रवार को अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विभाग ने लक्ष्य के विरुद्ध 114 प्रतिशत कर की प्राप्ति की है। विभाग ने 21000 करोड़ से अधिक की वसूली कर रिकॉर्ड बनाया है।

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    वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि लक्ष्य के विरुद्ध 114 प्रतिशत की प्राप्ति विभाग ने की है।

    राज्य ब्यूरो, रांची: वाणिज्यकर विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 21000 करोड़ से अधिक की वसूली कर रिकॉर्ड बनाया है। यह स्थिति तब है, जब जीएसटी मुआवजे का भुगतान केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है।

    शुक्रवार को अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि लक्ष्य के विरुद्ध 114 प्रतिशत की प्राप्ति विभाग ने की है।

    1 जुलाई 2022 से बंद हुआ केंद्र की ओर से दिया जाने वाला मुआवजा

    उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद मात्र पांच साल तक ही केंद्र द्वारा राज्यों को मुआवजा प्रदान करना था। एक जुलाई 2022 से यह बंद हो गया। इसके बावजूद विभाग ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है।

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    विभाग ने पिछले वर्ष की तुलना में एसजीएसटी मद में 18 प्रतिशत, वैट मद में 22 प्रतिशत, विद्युत शुल्क मद में 43 प्रतिशत और पेशा कर मद में चार प्रतिशत से अधिक की वसूली हुई।

    मुआवजा की कमी को पूरा करने के लिए विभाग ने नए कदम उठाए। विभाग द्वारा मुख्यालय एवं प्रमंडल स्तर पर इंटेलिजेंस एंड रेवेन्यू एनालिसिस यूनिट का गठन किया। इसके द्वारा विश्लेषण कर निरीक्षण किया गया है।

    पांच अंचलों में स्पेशल टास्क यूनिट का गठन किया गया

    इसके अतिरिक्त पांच बड़े अंचलों में स्पेशल टास्क यूनिट का गठन किया गया है। इसका कार्य बड़े करदाताओं की निगरानी करना है। चालू वित्तीय वर्ष में अयोग्य आइजीएसी वापसी से भी लगभग 563 करोड़ राजस्व की वसूली हुई है।

    विभाग ने वैट के आनलाइन कर निर्धारण को आरंभ किया है, जिसमें करदाताओं को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

    उन्होंने इसके लिए अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस अप्रत्याशित राजस्व वसूली के पीछे प्रधान सचिव आराधना पटनायक, वाणिज्यकर आयुक्त संतोष कुमार वत्स और विभाग के सभी पदाधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

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