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    झारखंड बना 'मिनी कश्मीर': 2 डिग्री के नीचे तक लुढ़का तापमान, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 07:42 AM (IST)

    Jharkhand Weather Update: झारखंड की राजधानी रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मैकलुस्कीगंज में न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल ...और पढ़ें

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    ठंड में आग तापते लोग। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड की राजधानी रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में ठंड ने अपना प्रकोप बढ़ा दिया है। राज्य के निकटवर्ती व मध्य भाग यानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गुमला, बोकारो और खूंटी के साथ साथ उत्तर पश्चिमी क्षेत्र पलामू, चतरा, गढ़वा और लातेहार में ठंड ने आमजनों की जीना मुहाल कर दिया है।

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    स्थिति यह है कि मैकलुस्कीगंज का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया है। जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है और लोगों को ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है।

    रांची शहरी क्षेत्र में शीतलहर ने लोगों की आवाजाही कम कर दी है, जिस कारण शाम ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची द्वारा जारी Weather Forecast में बताया गया कि इन जिलों में शीतलहर के साथ साथ कोहरे का भी असर बना रहेगा।

    बता दें कि सुबह और देर रात घने कोहरे का असर देखने को मिल रहा है। ऐसे में ठंड का असर बढ़ रहा है और देर रात कनकनी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। पिछले 24 घंटे के मौसम की बात करें तो पूरे राज्य में मौसम शुष्क बना रहा। कुछ स्थानों पर हल्का व मध्यम दर्जे का कोहरा देखने को मिला।

    राज्य के निकटवर्ती मध्य भाग रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गुमला, बोकारो और खूंटी में शीतलहर की स्थिति बनी रही। सबसे अधिक अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस चाईबासा का, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस मैकलुस्कीगंज का रिकॉर्ड किया गया। वहीं, राजधानी रांची का अधिकतम तापमान 20.6 डिग्री और न्यूनतम 7.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

    येलो अलर्ट जारी (Weather Update Today)

    मौसम विज्ञान केंद्र रांची द्वारा जारी पूर्वानुमान में बताया गया कि 28 दिसंबर को राज्य के निकटवर्ती मध्य भाग के साथ साथ उत्तर पश्चिमी हिस्से यानी पलामू, चतरा, गढ़वा और लातेहार में शीतलहर की संभावना बनी रहेगी और घना कोहरा छाया रहेगा, इसे लेकर इन जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।

    मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि राज्य में अगले 24 घंटे के दौरान न्यूनतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। इसके बाद अगले दो से तीन दिनों के दौरान तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है, जिससे ठंड से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है।

    राजधानी रांची समेत आसपास के जिलों में हल्के व मध्यम दर्जे का कोहरा छाया रहेगा। सुबह में कोहरा या धुंध और बाद में आसमान मुख्यत: साफ रहेगा। यह स्थिति 2 जनवरी तक बनी रहेगी।

    अगले चार दिन राजधानी का इतना रहेगा तापमान

    28 दिसंबर : अधिकतम 22 डिग्री और न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस

    29 दिसंबर : अधिकतम 23 डिग्री और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस

    30 दिसंबर : अधिकतम 24 डिग्री और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस

    31 दिसंबर : अधिकतम 24 डिग्री और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस।

    इस साल का सबसे ठंडा दिन

    मैक्लुस्कीगंज में शनिवार को न्यूनतम तापमान में एकाएक गिरावट देखने को मिली और न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री नीचे जा लुढका। तापमान गिरते ही क्षेत्र में कड़ाके की ठंड का प्रकोप रहा।

    शुक्रवार की रात से ही एकाएक ठंड ने अपना प्रकोप दिखाना शुरु कर दिया था। इस वर्ष का अब तक का सबसे ठंडा दिन शनिवार रहा। मैक्लुस्कीगंज में सर्द हवाओं व आंशिक कोहरे से अचानक ठंड बढ़ गई है।

    यहां सुबह से ही हल्का कोहरा छाया रहता है और सूर्यदेव के दर्शन देने के बाद लोगों की दिनचर्या शुरू हो रही है। हाड़ कंपाने वाली सर्द हवाएं शरीर को भेद रही हैं। क्षेत्र के न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। शनिवार को राणा कंट्री काटेज जोभिया में लगे तापमान मापक यंत्र से न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

    वहीं, गार्डेन गेस्ट हाउस लपरा में तापमान मापक यंत्र से गेस्ट हाउस के निदेशक नेशनल पाल गार्डेन के द्वारा लपरा का न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कड़ाके की ठंड के चलते सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी कम रही।

    गरीब-मजदूर के लिए संकट का समय

    कंपकंपी व ठंड के लगातार बढ़ने से सबसे अधिक प्रभावित गरीब व असहाय लोग हो रहे हैं। ठंडी हवाओं ने इंसान तो इंसान पशुओं को भी घरों में ही दुबके रहने पर विवश कर दिया है। सूर्यदेव के दर्शन होने के बाद ही लोग घरों से निकल पा रहे हैं। शाम होते ही घरों का रुख कर रहे हैं, सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है।

    ठंड से बचने के लिए मजदूर वर्ग के लोगों की रातें कंबल और अलाव के सहारे गुजर रही हैं। ठंड के चलते मजदूर वर्ग व किसानों के रोजमर्रा जिंदगी पर भी व्यापक प्रभाव पड़ रहा है।

    देर से मजदूरी के लिए निकलने पर लोगों को मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। बढ़ते ठंड के चलते किसान भी कृषि कार्य लिए देर से खेतों पर जा रहे हैं और शाम ढलने से पूर्व ही लौट जा रहे हैं।