Jharkhand Coal Dues: 'केंद्र से नहीं मिला बकाया 1.36 लाख करोड़ तो...', अब आर-पार के मूड में हेमंत के मंत्री
झारखंड सरकार केंद्र सरकार से कोयला रॉयल्टी मद में 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया वसूली को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि केंद्र सरकार बकाया राशि लौटाए और इधर-उधर की बातें न करे। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा था लेकिन दोनों पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया गया।
राज्य ब्यूरो, रांची। केंद्र सरकार से कोयला रॉयल्टी मद में 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया वसूली को लेकर राज्य सरकार कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। रविवार को मीडिया से बातचीत में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि केंद्र सरकार बकाया राशि लौटाए। इधर-उधर की बातें नहीं करे।
उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने इसे लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पत्र लिखा, लेकिन दोनों पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि हम कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। केंद्र सरकार को हमारा पैसा लौटाना चाहिए। यदि केंद्र सरकार हमारा पैसा नहीं लौटाती है तो कानूनी रास्ता भी है। यह पूछे जाने पर कि कब तक कोर्ट जाएंगे, वित्तमंत्री ने कहा कि वर्षों से राशि बकाया है। हम सोच-समझकर काम करेंगे।
हर वादा निभाएंगे, 450 रुपये में गैस सिलेंडर पर आईएनडीआईए में सहमति के बाद निर्णय
- वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य सरकार उन वादों के प्रति कृतसंकल्पित है, जो चुनाव के दौरान किए गए थे। 450 रुपये में गैस सिलेंडर का वादा कांग्रेस जरूर किया है। आईएनडीआईए की बैठक में सहमति के बाद निर्णय लिया जाएगा।
- उन्होंने भाजपा के आरोपों पर कहा कि चुनाव में यह साबित हो गया है कि जनता के साथ कौन धोखाधड़ी कर रहा है? सरकार पीछे हट नहीं रही है। यह उनकी गलतफहमी है। गठबंधन अगर धोखाधड़ी करती तो हम 56 सीटें जीतकर नहीं आते। अगर भाजपा पर जनता को विश्वास होता वे 21 सीट पर नहीं खिसकते।
- कुछ पेंशन योजनाओं के बंद होने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी तथ्यात्मक जांच हो जाने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मौके पर मौजूद वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने भी इस मामले की जांच कराने की बात कही।
आमलोगों की भावना के अनुरूप होगा अबुआ बजट
वित्तमंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय अबुआ बजट 2025-26 की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा है। अबुआ बजट राज्य की सभ्यता, संस्कृति और झारखंड वासियों की भावनाओं के अनुरूप होगा। बजट गरीबों, शोषितों, वंचितों, दलितों , आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, युवाओं, महिलाओं की आवश्यकता और उम्मीदों के अनुरूप बनाया जाएगा।
इसके लिए राज्य सरकार ने सुझाव लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वेबसाइट के माध्यम से आमलोग सुझाव दे सकते हैं, जिसकी अंतिम तिथि 17 जनवरी है। इसके पूर्व भी 2024-25 में बजट को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों से 721 सुझाव प्राप्त हुए थे। इनमें से 28 सुझावों को आत्मसात किया गया था।
वित्त सचिव बोले, पैसों की कहीं कोई कमी नहीं
वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सरकार के पास फंड की कहीं कोई कमी नहीं है। 80 हजार करोड़ रुपये के करीब योजनाओं पर राज्य सरकार खर्च करती है। एक बार फिर इतनी राशि सरकार के पास उपलब्ध है। सरकार राजस्व बढ़ाने के उपायों को भी तलाश रही है। शीघ्र ही पर्याप्त फंड उपलब्ध होगा।
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