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    रांची पहुंचीं अंजलि सोरेन का बड़ा दावा- ओडिशा में झामुमो के सहयोग से ही बनेगी अगली सरकार; जानें और क्या कहा

    By Vikram GiriEdited By:
    Updated: Thu, 26 Aug 2021 11:08 AM (IST)

    ओड़िशा की नवीन पटनायक की सरकार गरीब आदिवासी-मूलवासियों के हित के खिलाफ काम कर रही है। किसानों के जमीन का सौदा बड़े-बड़े उद्योगपतियों से कर रही है। इसका विरोध करने पर तानाशाह की तरह किसान आदिवासी मूलवासी गरीबों को जेल में बंद कर दिया जा रहा है।

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    ओडिशा में झामुमो के सहयोग से ही बनेगी अगली सरकार। जागरण

    खूंटी-तोरपा, जासं । ओड़िशा की नवीन पटनायक की सरकार गरीब आदिवासी-मूलवासियों के हित के खिलाफ काम कर रही है। किसानों के जमीन का सौदा बड़े-बड़े उद्योगपतियों से कर रही है। इसका विरोध करने पर तानाशाह की तरह किसान, आदिवासी, मूलवासी, गरीबों को जेल में बंद कर दिया जा रहा है। आने वाले समय में ओड़िशा की जनता इसका माकूल जवाब देगी। ये बातें झारखंड मुक्ति मोर्चा ओड़िशा प्रदेश की अध्यक्ष सह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बहन अंजली सोरेन ने कही।

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    ओड़िशा से रांची जाने के क्रम में खूंटी जिले के तोरपा में दैनिक जागरण के साथ बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि ओड़िशा में झामुमो का जनाधार बढ़ता जा रहा है। कुछ लोग अपने स्वार्थ के कारण पार्टी का दामन छोड़े है, लेकिन उससे दोगुणे कद्​दावर लोगों ने पार्टी का दामन थामकर संगठन को मजबूत बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ओड़िशा में भी अगली सरकार झारखंड मुक्ति मोर्चा के सहयोग से ही बनेगी। आदिवासी मूलवासी की जमीन अधिग्रहण कर सरकार नहीं चलने वाली है।

    नजरबंद से रिहा होने के बाद पहुंचीं रांची

    झामुमो की ओड़िशा प्रदेश अध्यक्ष अंजली सोरेन 72 घंटे की नजरबंदी से रिहा होने के बाद पार्टी के नेता, कार्यकर्ता व समर्थकों के साथ बुधवार की देर रात रांची पहुंचीं। इस दौरान दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्होंने बताया कि ओड़िशा में नवीन पटनायक सरकार गरीबों व आदिवासी-मूलवासी की जमीन का सौदा कर बड़े उद्योगपतियों से कर रही है। ओड़िशा सरकार सुंदरगढ़ जिले के राजगांगपुर व कुत्रा प्रखंड क्षेत्र में जिंदल व ओसीएल के लिए जमीन अधिग्रहण कर रही है। जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।

    झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी गरीब आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण के विरोध में और जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा के लिए सुंदरगढ़ पहुंचे थे। सरकार के जनविरोधी काम का विरोध करने पर उनके अलावा झामुमो के कई नेताओं को गिरफ्तार कर नजरबंद करा दिया था। गिरफ्तार सभी लोगों को 72 घंटे के नजरबंद रखने के बाद रिहा कर दिया गया। इसके बाद वे अपने पिता राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन व भाई मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने रांची पहुंच रही हैं।बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि ओड़िशा में आदिवासियों की जमीन का लगातार अतिक्रमण हो रहा है और प्रदेश सरकार उद्योगपतियों को लाभ दिलाने में लगी है। राजगांगपुर व सुंदरगढ़ में जमीन अधिग्रहण का पार्टी आगे भी विरोध करेगी।

    ओड़िशा में लगातार मजबूत हो रहा संगठन

    कई कद्​दवर नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन्हें आदिवासी-मूलवासी से लगाव नहीं है, वैसे लोग ही पार्टी छोड़कर गए हैं। उनके जाने से संगठन पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। उनके जाते ही कई कद्​दवर नेता संगठन से जुड़े है, जिससे संगठन मजबूत हुआ है। समय-समय पर लोग पार्टी में आते-जाते रहते है। मौके पर उनके साथ पूर्व विधायक सह राज्य कोषाध्यक्ष प्रहलाद पूर्ति, केंद्रीय कमेटी के सदस्य पवन सिंह, लेथा तिर्की, अमित शर्मा, दुबराज नाग, मयूरभंज जिला उपाध्यक्ष पार्वती पूर्ति, बंधना ओराम, पतरस एक्का, कान्हू मंडल, जबलुन टोप्पो, सिप्रियन विलियम कीडो, ललित लाकड़ा, मो. रशीद डागा, मो. जलील, मो. इमरान, मो. वसीम, जीवन मुंडा, पीटर डुंगडुग, मो. अजगर आलम समेत कई लोग शामिल थे।