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अनुसूचित जाति SC में शामिल होंगे चांय-केवट, मल्लाह-निषाद, CM हेमंत ने दी मंजूरी...

Jharkhand News Reservation News चांय केवट मल्लाह निषाद) जाति को अन्य पिछड़ी जातियों से निकालकर झारखंड राज्य की अनुसूचित जाति मे शामिल करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है। अब इन जातियों को सूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से अनुशंसा करनी होगी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 05:03 AM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 07:09 AM (IST)
अनुसूचित जाति SC में शामिल होंगे चांय-केवट, मल्लाह-निषाद, CM हेमंत ने दी मंजूरी...
Jharkhand News, Reservation News, Hemant Soren झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन।

Jharkhand News, Reservation News, Hemant Soren रांची, राज्य ब्यूरो। चांय, केवट, मल्लाह, निषाद) जाति को अन्य पिछड़ी जातियों से निकालकर झारखंड राज्य की अनुसूचित जाति मे शामिल करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है। इन जातियों को झारखंड राज्य की अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से अनुशंसा करनी होगी और इससे सबंधित संबंधित प्रस्ताव को मुख्तमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है। इस प्रस्ताव को अब मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा जिसके बाद केंद्र को भेजा जाएगा।

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साहिबगंज और आसपास के क्षेत्रों में इसको लेकर लगातार आंदोलन हुए हैं। चांय उन्नयन समिति, चांय विकास समिति आदि संगठन लंबे समय से इसके लिए आंदोलन कर रहे थे। कुछ संगठन चांय को अनुसूचित जनजाति समुदाय में भी शामिल करने की मांग करते रहे लेकिन इसके लिए टीआरआइ ने अनुशंसा नहीं की। साहिबगंज को छोड़कर राज्य के दूसरे हिस्सों में भी इस जाति के लोगों की संख्या कम है. अभी तक चांय जाति पिछड़ी जातियों की सूची में 28वें स्थान पर अंकित थी। सरकार की तैयारियां सफल रहीं तो शीघ्र ही अनुसूचित जाति की सूची में इन्हें शामिल कर लिया जाएगा। 

टीआरआई से मांगा गया था प्रतिवेदन

डा. रामदयाल मुंडा जनजाति कल्याण शोध संस्थान से चांय (केवट, मल्लाह, निषाद) जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के संबंध में सामाजिक एवं शैक्षिक स्थिति की जांच कर अनुसूचित जाति की पात्रता के संबंध में प्रतिवेदन की मांग की गई थी। संस्थान से विस्तृत अध्ययन करने के उपरांत जो प्रतिवेदन राज्य सरकार को सौंपा था उसमें चांय (केवट, मल्लाह, निषाद) जाति को झारखंड राज्य के अनुसूचित जाति का दर्जा प्रदान करने की अनुशंसा केंद्र सरकार से करने की सिफारिश की गई थी।


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