CGL परीक्षा को लेकर बढ़ा विवाद, CM के CID जांच के आदेश देते ही बीजेपी ने कर दी ये बड़ी मांग
सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। सीएम हेमंत सोरेन ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इस मामले में CID जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं दूसरी ओर जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा में अपने को क्लीन चिट देते हुए प्रेस कांफ्रेंस की है। बीजेपी का कहना है कि पीसी से जांच प्रभावित हो सकती है। इस मामले में CBI जांच होनी चाहिए।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) के माध्यम से संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की जांच सीआइडी करेगी। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री का आदेश मिलने के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सीआइडी को पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी प्रवक्ता ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
छात्रों के प्रदर्शन की वजह से CID जांच के आदेश
- 2025 पदों के लिए विगत 21 व 22 सितंबर को संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) परीक्षा आयोजित की गई थी।
- इस परीक्षा में 3.04 लाख अभ्यर्थियों ने राज्य के 823 केंद्रों पर परीक्षा दी थी।
- इसका परीक्षाफल भी प्रकाशित हो चुका है।
- सीजीएल परीक्षा के दौरान पेपर लीक सहित अन्य गड़बड़ियों को लेकर छात्र आंदोलनरत हैं।
- छात्रों द्वारा लगातार धरना-प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
- वहीं दूसरी ओर जेएसएससी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।
- इसके बाद भी छात्रों का विरोध-प्रदर्शन नहीं रुका।
- अब इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ने सीआइडी से जांच कराने का आदेश दिया है।
- सीएम के आदेश के आलोक में ही डीजीपी ने सीआइडी को जांच का आदेश दे दिया है।
BJP प्रवक्ता ने JSSC पर लगाया जांच को प्रभावित करने का आरोप
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया है कि जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा में अपने को क्लीन चिट देते हुए, जो प्रेस कांफ्रेंस की है उससे इसकी जांच प्रभावित हो सकती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही सीजीएल परीक्षा की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं। जेएसएससी का प्रेस कान्फ्रेंस सीधे तौर पर मुख्यमंत्री द्वारा सीआइडी जांच के आदेश को प्रभावित करने का मामला प्रतीत होता है।
प्रतुल ने कहा यह हड़बड़ी पूरे मसले को और भी संदिग्ध बना देती है। ये सारे तथ्य जेएसएससी सीआइडी जांच के क्रम में संबंधित अधिकार को बताती तो बेहतर होता। प्रेस कान्फ्रेंस करके आयोग ने सीधे तौर पर पब्लिक ओपिनियन बनाने और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की है।
CBI जांच की मांग
प्रतुल ने कहा कि अब मुख्यमंत्री को पहल करते हुए सीबीआई जांच की अनुशंसा करनी चाहिए। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जेएसएससी के अधिकारियों को ईमेल से जो धमकियां मिली है, बहुत ही गंभीर मामला प्रतीत होता है।
इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर जिन अधिकारियों को धमकी दी गई है उनको सरकार सुरक्षा भी मुहैया कराए।
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