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    CGL परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच से पहले बढ़ा विवाद, पदाधिकारियों को मिली जान से मारने की धमकी

    Updated: Sat, 14 Dec 2024 07:48 PM (IST)

    Jharkhand News झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के पदाधिकारियों और कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) के विरोध के बीच मिली है। आयोग के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता ने बताया कि इस परीक्षा में अधिसंख्य दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के चयनित होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

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    CGL परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच से पहले बढ़ा विवाद

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) के विरोध के बीच कुछ अराजक तत्व ने यह परीक्षा आयोजित करनेवाले झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के पदाधिकारियों और कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी दी है।

    ईमेल के माध्यम से दी गई धमकी में भद्दी-भद्दी गालियां भी दी गई हैं। आयोग के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता के अनुसार, इस परीक्षा के माध्यम से अल्पसूचीबद्ध किए गए अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बुलाए जाने के बाद यह धमकी मिली है। इसकी जानकारी सक्षम प्राधिकार और पुलिस को दे दी गई है।

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    आयोग के सचिव ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से एक बार फिर इस परीक्षा और इसके परिणाम पर लगाए जा आरोपों को खारिज किया। साथ ही इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लगाए जा रहे आरोपों का सिलसिलेबार से ढंग से जवाब भी दिया।

    उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में अधिसंख्य दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के चयनित होने के आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बुलाए गए अभ्यर्थियों में 96 प्रतिशत झारखंड के हैं। प्रमाण पत्रों की जांच के लिए कुल 2,231 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है, जिनमें 2,145 झारखंड के निवासी हैं।

    सचिव के अनुसार, सक्षम पदाधिकारी को सूचित किए बिना 26 सितंबर और 30 सितंबर को सैकड़ों की संख्या में आयोग कार्यालय के समक्ष भीड़ जमा की गई और पत्थरबाजी कराई गई थी। इसमें कई पदाधिकारी घायल हुए थे। इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।

    उक्त शिकायत पत्र में पांच आरोप लगाए गए थे और साक्ष्य के समर्थन में एक सीडी एवं एक पेनड्राइव सौंपा गया थ। इसमें सीडी खाली पाई गई।

    किसी भी केंद्र पर नहीं मिली गड़बड़ी

    • सचिव के अनुसार, परीक्षा में सम्मिलित सभी अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट की जांच एवं अंतिम संशोधित माडल उत्तर के आधार पर मूल्यांकन किया गया।
    • इस दौरान विषय कोड में त्रुटियों का निराकरण करते हुए सभी ओएमआर शीट का मूल्यांकन किया गया। इसके बाद केंद्रवार/जिलावार परिणाम का विश्लेषण किया गया। किसी भी परीक्षा केंद्र में विसंगति नहीं पाई गई।

    प्रमाणपत्रों की जांच रविवार से

    आयोग ने 2,231 अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बुलाया है। उनके प्रमाणपत्रों की जांच रविवार से शुरू होगी तथा क्रमांकवार 20 दिसंबर तक संपन्न होगी।

    अंतिम परिणाम के बाद प्रकाशित होगा कट ऑफ मार्क्स

    सचिव के अनुसार, इंटरनेट मीडिया के माध्यम से यह प्रश्न किया जा रहा है कि प्रमाणपत्रों का सत्यापन के साथ कट आफ मार्क्स क्यों नही जारी किया गया। यह प्रथम प्रमाणपत्रों का सत्यापन है जो कि अंतिम परीक्षाफल नही है, इसीलिए कट ऑफ मार्क्स जारी नही किया गया है। यह अंतिम परीक्षाफल प्रकाशन के बाद जारी किया जाता है।

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