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झारखंड के पहले वाणिज्यकर आयुक्त थे अमित खरे, हाल ही में हुए हैं सेवानिवृत्‍त

Amit Khare IAS Jharkhand News अमित खरे प्रधानमंत्री आफिस में भारत सरकार के सचिव के स्‍केल और रैंक पर अनुबंध पर नियुक्‍त किए गए हैं। अमित खरे 1985 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। ये हाल ही में सेवानिवृत्‍त हुए हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 04:12 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 05:10 PM (IST)
Amit Khare IAS, Jharkhand News अमित खरे 1985 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड कैडर के आइएएस अधिकारी अमित खरे को प्रधानमंत्री के सलाहकार बनाया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इसकी मंजूरी दे दी है। अमित खरे प्रधानमंत्री आफिस में भारत सरकार के सचिव के स्‍केल और रैंक पर अनुबंध पर नियुक्‍त किए गए हैं। दो साल या अगले आदेश तक के लिए इनकी नियुक्‍ति की गई है। इस संबंध में कैबिनेट की नियुक्ति समिति के सचिव ने अधिसूचना जारी कर दी है। अमित खरे 1985 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं।

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ये 36 साल तक सरकारी सेवा में रहे। अमित खरे ने झारखंड में शिक्षा, वित्‍त और गवर्नर के प्रधान सचिव का पद संभाला। वे झारखंड में पहले वाणिज्‍यकर आयुक्‍त थे। विकास आयुक्‍त के पद भी वे रह चुके हैं। झारखंड के चाईबासा में उपायुक्‍त रहने के दौरान डायन हत्‍या के खिलाफ अभियान चलाया। झारखंड से पहले बिहार में पटना और दरभंगा के जिलाधिकारी रहे। अमित खरे ने ही चारा घोटाला का पर्दाफाश किया था। इसकी वजह से बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद को जेल जाना पड़ा था।

रांची के हिनू स्थित केंद्रीय विद्यालय से ली है प्रारंभिक शिक्षा

अमित खरे का जन्म 1961 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा हिनू स्थित केंद्रीय विद्यालय से हुई थी। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से स्नातक की पढ़ाई की। अमित खरे के बड़े भाई अतुल खरे भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके हैं। अमित खरे की पत्नी निधि खरे भी आइएएस अधिकारी हैं और झारखंड के कई विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभा चुकी हैं। वर्तमान में वह केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्रालय में अपर सचिव हैं।

झारखंड के पहले वाणिज्यकर आयुक्त थे अमित खरे

आइएएस अधिकारी अमित खरे झारखंड के प्रथम वाणिज्यकर आयुक्त भी थे। उन्होंने बाद में शिक्षा, वित्त व विकास आयुक्त के अलावा राज्यपाल के प्रधान सचिव का भी पदभार संभाला। वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए और वहां उनके नेतृत्व में ही देश की नई शिक्षा नीति-2020 लागू हुई। वे केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव के अतिरिक्त प्रभार में भी रहे। इस दरम्यान उन्होंने झारखंड में दूरदर्शन सहित कई सैटेलाइट चैनल को भी लांच किया।

पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त रहते चारा घोटाले को किया था उजागर

अमित खरे की गिनती तेज तर्रार अधिकारी के रूप में होती है। उन्होंने पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त रहते हुए 1996 में चारा घोटाले के मामले को सबसे पहले उजागर किया था। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को जेल जाना पड़ा था।


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