Jharkhand Budget Session: झारखंड विधानसभा में 5508 करोड़ का सप्लीमेंट्री बजट पेश, एजुकेशन पर फोकस
झारखंड विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में दो दिनों की चर्चा हो चुकी है। सदन में आज तीसरे दिन वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अनुपूरक बजट (सप्लीमेंट्री बजट) सदन के पटल पर रखा। मंत्री ने सदन में 5508 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। शुक्रवार को सत्र में अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने गुरुवार को ध्यानाकर्षण के बाद सदन में कुल 5508 करोड़ का अनुपूरक बजट (सप्लीमेंट्री बजट) पेश किया। शुक्रवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी और इसे विधानसभा से पास कराया जाएगा। अनुपूरक बजट में सभी विभागों के लिए राजस्व और पूंजी व्यय का निर्धारण किया गया है।
झारखंड में बजट सत्र चल रहा है। विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में दो दिनों की चर्चा हो चुकी है। सदन में आज तीसरे दिन वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बजट को सदन के पटल पर रखा। शुक्रवार को सत्र में अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी।
अनुपूरक बजट में विभिन्न विभागों के लिए राशि का आवंटन
- कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (कृषि प्रभाग) - 176.48 करोड़
- (पशुपालन प्रभाग)- 241.34 करोड़
- (डेयरी प्रभाग)- 131.50 करोड़
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा- 4135.97 करोड़
- स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग- 12.35 करोड़
- स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता (प्राथमिक एवं व्यस्क शिक्षा) - 39293.50 करोड़
- ( सेकेंडरी शिक्षा प्रभाग) - 18850.43 करोड़
- अनुसूचित जनजाति, जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग- 6798.12 करोड़
- ग्रामीण कार्य विभाग- 87329 करोड़
- ग्रामीण विकास विभाग- 22692. 94 करोड़
- पंचायती राज विभाग- 2525.78 करोड़
- महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा- 26668.69 करोड़
- गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग- 50261 करोड़
- जल संसाधन विभाग- 29334.04 करोड़
- नगर विकास एवं आवास- 20441.68 करोड़
- भवन निर्माण विभाग- 5000 करोड़
- उर्जा विभाग- 97180.90 करोड़
- वित्त विभाग- 10471.61 करोड़
- वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग- 16137.95 करोड़
- मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग- (नागर विमानन)- 3000 करोड़
- स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग- 14289.39 करोड़
अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने की घेराबंदी
रांची झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को पहली पाली में ध्यानाकर्षण सूचना पर कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने तगड़ी घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति निम्न स्तर पर है।
उन्होंने कहा कि पांच साल में एमएसडीपी के तहत एक भी योजना नहीं ली गई। एक रुपया भारत सरकार ने नहीं दिया। विभागीय मंत्री हफीजुल हसन ने इस पर स्वीकार किया कि कोरोना के कारण कार्य बाधित हुआ। इसके बाद उन्होंने राजनीतिक अस्थिरता का हवाला देते हुए कहा कि तीन मार्च को बैठक रखी गई है।
सरकार इसे लेकर चिंतित है। प्रदीप यादव ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि चिंता का फलाफल क्या है? अल्पसंख्यकों के मर्ज की दवा क्या है? पांच साल में एक काम नहीं हुआ। एक योजना नहीं ली गई। यह अकर्मण्यता को दर्शाता है।
उन्होंने सलाह दी कि जल्द बैठक कर अधिकाधिक राशि लें। अल्पसंख्यक समाज को शिक्षित करना होगा। वे अपनी धर्म-संस्कृति के आधार पर अपने विद्यालय खोलें। 4400 में से मदरसा शिक्षकों के 3700 पद रिक्त हैं। ये पद बिहार से लिए गए थे।
बिहार में ऊर्दू-फारसी यूनिवर्सिटी है। यहां भी यूनिवर्सिटी बने। इस पर मंत्री ने कहा कि शेख भिखारी ऊर्दू-फारसी विश्वविद्यालय पर हम काम करेंगे। मदरसा बोर्ड का गठन भी प्रक्रिया के तहत है। जल्द मदरसा बोर्ड बनेगा।
60 दिन में जांचकर रिपोर्ट
सिल्ली के झामुमो विधायक अमित कुमार द्वारा जोन्हा में गैर मजरूआ भूमि के दाखिल-खारिज के सवाल पर मंत्री दीपक बिरुआ ने भरोसा दिलाया कि साठ दिन में जांच कराएंगे। अगर आरोप सत्य हुआ तो जमीन खाली कराया जाएगा।
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