Jharkhand Budget Session 2023: झारखंड विधानसभा में नियोजन नीति को लेकर विपक्ष का हंगामा, सदन का किया बहिष्कार
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को हंगामेदार रहा। इस दौरान सत्तारूढ़ झामुमो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी विपक्ष का साथ देते हुए राज्य सरकार को निशाने पर लिया। सदन में नियोजन नीति का विरोध भाजपा विधायकों ने जारी रखा।
जासं, रांची। झारखंड विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत बीते 27 फरवरी को हुई थी। होली के अवकाश के बाद फिर से इसकी शुरुआत हुई। आज भी पिछले दिनों की तरह विधानसभा के बाहर सरकार की नियोजन नीति को लेकर भाजपा विधायकों का हंगामा जारी रहा। इन्होंने हाथ में तख्तियां लेकर राज्य सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की। इतना ही नहीं, भाजपा विधायक वेल में भी घुस गए और 60-40 नाय चलतो, बांग्लादेशी नाय चलतो के नारे लगाए।
लोबिन हेम्ब्रम ने दिया विपक्ष का साथ
इस दौरान हैरान करने वाली बात यह रही कि सत्तारूढ़ झामुमो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी विपक्ष का साथ देते हुए सरकार की घेराबंदी की। इस जोरदार हंगामे के बीच स्पीकर ने कहा कि नहीं मानेंगे, तो कार्यवाही बंद कर देंगे।इसके बाद सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई और तो और इसका सीधा प्रसारण भी बंद कर दिया गया। खबर अपडेट की जा रही है।
दो बजे तक स्थगित सदन की कार्यवाही
विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भाजपा विधायक फिर से आसन के समक्ष आए, नारेबाजी की और सीएम से नियोजन नीति पर जवाब मांगा। इस दौरान खुद मुख्यमंत्री सदन में मौजूद रहे। इस दौरान झामुमो के लोबिन हेम्ब्रम तो अपनी सीट पर ही खड़े रहे। हंगामे को देखते हुए फिर से सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
आमने-सामने आए सत्ता पक्ष और विपक्ष
दोबारा कार्यवाही शुरू हुई, तब भी हंगामे का दौर जारी रहा। इस दौरान 60-40 नाय चलतों के नारे वाले टी-शर्ट पहन कर विपक्ष के आने का विधायक प्रदीप यादव ने विरोध किया। उनके समर्थन में सभी सत्ता पक्ष के विधायक आसन के सामने पहुंच टी-शर्ट उतरवाने की मांग करने लगे। तभी विपक्ष के विधायक भी आसन के सामने पहुंचे और जय श्री राम का नारा लगाया। रिपोर्टिंग टेबल के एक तरफ सत्ता पक्ष और दूसरी तरफ विपक्ष के विधायक बहस करने लगे। भारी हंगामे के बीच सभा की करवाई अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भाजपा विधायकों के टी-शर्ट पर हुआ बवाल
गौरतलब है कि विधायक प्रदीप यादव ने दोपहर सवा दो बजे सभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में स्लोगन लिखे केसरिया टीशर्ट पहने होने का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि यह सदन की गरिमा के खिलाफ है। कोई विरोध स्वरूप अंडरवियर पहनकर सदन में आ जाय, यह कहां तक उचित है। इसके बाद ही बवाल शुरू हुआ।
विपक्ष ने दिया यह जवाब
बवाल के बीच ही भाजपा के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने आसन का ध्यान आकृष्ट कराया कि आज ये लोग केसरिया टीशर्ट का विरोध कर रहे हैं, उस दिन कहां थे जब 1932 का खतियान लागू करने की मांग को लेकर सभी हरा-हरा पहनकर आये थे। तब समझ मे नहीं आया था।
इसके बाद ही विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो ने सभा की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक स्थगित रहने की घोषणा कर दी। बता दें कि भाजपा विधायकों के केसरिया टीशर्ट पर पीछे स्लोगन है, 60-40 नाय चलतो और आगे लिखा है 1932 का क्या हुआ?
सदन की कार्यवाही 3.45 बजे तक के लिए स्थगित
तीन बजे के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ अध्यक्ष ने सदन का नियम पढ़कर सुनाया और कहा कि सदन में स्लोगनयुक्त कपड़ा नहीं पहनना है। अध्यक्ष ने एक-एक कर सदन की कार्यवाही के दौरान क्या नहीं करना है उससे संबंधित नियम पढ़कर सुनाया।
इस पर खूंटी से भाजपा के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि जब मुख्यमंत्री 1932 का खतियान लागू करने के लिए विशेष सत्र बुलाये थे, तब सभी सत्ता पक्ष के विधायक हरा झंडा लेकर सदन में आये थे। तब नियम कहां था। इसके बाद सदन की कार्यवाही 3.45 बजे तक के लिए फिर से स्थगित हो गई।
सदन की करवाई फिर 3.48 बजे शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। हंगामे के बीच ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम अनुदान मांग पर सरकार का पक्ष लिया। आखिरकार विपक्ष ने किया सदन का बहिष्कार कर दिया।