Jharkhand: बजट पर क्या बोले जयराम महतो? मंईयां सम्मान योजना को लेकर भी दिया बयान, बोले- आश्चर्य की बात है...
झारखंड बजट पर डुमरी विधायक जयराम महतो ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार बजट में लोकलुभावन घोषणाएं तो करती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती। मंईयां सम्मान योजना के लिए राशि का प्रावधान किया गया है लेकिन भुगतान समय पर नहीं हो रहा। विधायकों अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन/पेंशन भुगतान में देरी नहीं होती लेकिन महिलाओं को भुगतान में देरी हो रही है।

राज्य ब्यूरो, रांची। डुमरी विधायक जयराम महतो ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य सरकार बजट में सिर्फ लोकलुभावन घोषणा करती है, जबकि वे घोषणाएं पूरी नहीं होतीं।
राज्य सरकार बजट घोषणाओं को पूरा भी करे। मंईयां सम्मान योजना के लिए 13363.35 करोड़ की राशि का प्रविधान किया गया है, लेकिन इस राशि का भुगतान समय पर की जाए तो बड़ी उपलब्धि होगी।
जयराम ने कहा कि अभी दो माह से राशि का भुगतान लंबित है। आश्चर्य की बात है कि विधायकों, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन/पेंशन भुगतान में देर नहीं होती।
सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि महिलाओं को भुगतान के बाद ही विधायक, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी के वेतन/पेंशन का भुगतान हो।
निराशाजनक बजट : सुदेश
- दूसरी तरफ, आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि बजट में कहीं न कहीं गठबंधन सरकार की राजनीतिक मजबूरियों का प्रतिबिंब नजर आ रहा है।
- यह बजट राज्य की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है। बजट में न तो नौकरियों का कोई ठोस प्रविधान दिखता है और न ही रोजगार सृजन की कोई योजना।
- राज्य की बड़ी युवा आबादी साल-दर-साल सरकारी आश्वासनों के भरोसे समय गंवाती जा रही है। उनके लिए इस बजट में कोई नई उम्मीद नहीं दिखती।
युवाओं और किसान के लिए बजट में कुछ नहीं: भाजपा
भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ ने राज्य सरकार के बजट पर परिचर्चा का आयोजन किया। सोमवार को प्रदेश कार्यालय में बजट को लाइव सुना गया और इसपर चर्चा हुई।
इसकी अध्यक्षता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक जेपी शर्मा ने की। इसके बाद बजट पर प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक अमित मंडल ने भाजपा का पक्ष रखा।
अमित मंडल ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को सीएजी द्वारा उठाए 19132 हजार करोड़ का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट में युवाओं और किसानों के लिए कुछ भी नहीं है।
अमित मंडल ने कहा कि राज्य कोयला उत्पादन के मामले में देश में तीसरे स्थान पर है। लेकिन केंद्र द्वारा झारखंड को मिलने वाला राजस्व सर्वाधिक 22 प्रतिशत है।
राज्य की जीडीपी में सेकेंडरी सेक्टर, जैसे एयरपोर्ट, रेल ,हाईवे, सेज निर्माण का योगदान सर्वाधिक है और केंद्र की योजनाएं इसमें शामिल हैं। गठबंधन की सात गारंटी में कोई गारंटी सरकार पूरा नहीं कर पाई है।
न तो धान क्रय में 3200 रुपए एमएसपी मिला, न 450 रूपये में सिलिंडर मिली। उन्होंने कहा कि सरकार बजट की राशि को खर्च करने की बजाय सरेंडर करवा रही है।
मंईयां सम्मान की राशि 13000 करोड़ भी काफी कम है। 57 लाख महिलाओं के लिए 17000 करोड़ का प्रावधान करना चाहिए था। यदि 3 महीनों का बकाया मिला लिया जाए तो 4200 करोड़ और प्रविधान करना चाहिए था, जो नहीं हुआ।
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