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    Jharkhand News: झारखंड में 4000 शिक्षकों को शोकॉज नोटिस जारी, 3 दिन में मांगी रिपोर्ट; क्या है मामला?

    Updated: Wed, 23 Apr 2025 03:45 PM (IST)

    झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने टीचर्स नीड असेसमेंट रीक्षा के लिए निबंधन नहीं कराने वाले 4000 शिक्षकों को शोकॉज नोटिस जारी किया है। राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व अधीक्षकों को पत्र भेजकर कहा है कि जिन शिक्षकों द्वारा टीएनए निबंधन नहीं किया गया है उनकी समीक्षा जिला स्तर पर की जाए। साथ ही तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।

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    झारखंड में 4000 शिक्षकों को शोकॉज नोटिस जारी, 3 दिन में मांगी रिपोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    आदिल हसन, रांची। टीचर्स नीड असेसमेंट (टीएनए) परीक्षा के लिए निबंधन नहीं कराने वाले चार हजार शिक्षकों को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) ने शोकॉज किया है। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व अधीक्षकों को पत्र भेजकर कहा है कि जिन शिक्षकों द्वारा टीएनए निबंधन नहीं किया गया है, उनकी समीक्षा जिला स्तर पर की जाए।

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    साथ ही तीन दिनों के अंदर निबंधन नहीं करने के कारणों को अंकित करते हुए रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए, ताकि विभागीय सचिव को रिपोर्ट सौंपी जा सके।

    24 से 28 अप्रैल के बीच होगी परीक्षा

    दरअसल, झारखंड में पहली बार टीचर्स नीड असेसमेंट (टीएनए) परीक्षा 24 से 28 अप्रैल 2025 के बीच होने जा रही है। इसमें 1,10,444 के करीब सरकारी शिक्षकों को 15 अप्रैल तक निबंधन कराना अनिवार्य था, लेकिन जिलावार रिपोर्ट में पता चला कि 1,06,093 शिक्षकों ने ही निबंधन कराया है।

    मतलब 96.06 प्रतिशत शिक्षकों ने निबंधन कराया, जो लक्ष्य से चार हजार कम है। रांची जिला में सबसे कम शिक्षकों ने निबंधन कराया है। रिपोर्ट के अनुसार रांची जिला में 7567 शिक्षकों को निबंधन कराना था, लेकिन 7020 शिक्षकों ने ही निबंधन कराया। मतलब 92.77 प्रतिशत शिक्षकों ने निबंधन कराया।

    94 प्रतिशत से कम निबंधन कराने वाले जिलों में गुमला, सिमडेगा, गोड्डा, गिरिडीह, गढ़वा, हजारीबाग, रामगढ़ शामिल हैं। वहीं 99 प्रतिशत से अधिक निबंधन कराने वाले जिलों में पूर्वी सिंहभूम और पाकुड़ जिला पहले व दूसरे स्थान पर है।

    क्या है टीएनए परीक्षा?

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रत्येक शिक्षक का क्षमता विकास महत्वपूर्ण है। इसके तहत यह भी स्पष्ट किया गया है कि हर शिक्षक का एक पेशेवर मानक होना चाहिए। जिससे राष्ट्रीय प्रोफेशनल स्टैंडर्ड ऑफ टीचर्स के आधार पर सुनिश्चित किया जाए। इसी दिशा में एनईपी 2020 में शिक्षकों के लिए 50 घंटे का अनिवार्य क्षमता विकास कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।

    इसका ऑनलाइन शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने 28 फरवरी, 2025 को किया था। शिक्षकों के प्रशिक्षण की वास्तविक आवश्यकताओं को समझने के लिए वर्ष में दो बार (अप्रैल और अक्टूबर) में टीएनए आयोजित किया जाएगा।

    पांच मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इनमें विषय विशेषज्ञता, शिक्षा शास्त्र की जानकारी, सामान्य शिक्षा शास्त्र, निरंतर और व्यापक मूल्यांकन, शिक्षक दृष्टिकोण सह पेशेवर एवं मूलभूत दक्षताएं शामिल हैं।

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