'नेतागिरी करनी है तो यूपी जाकर करें', RIMS निदेशक को मंत्री इरफान अंसारी ने दी नसीहत
Jharkhand News रिम्स (RIMS) के निदेशक डॉ. राजकुमार पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. राजकुमार सुपर पावर हो गए हैं और दायरे से बाहर जाकर काम कर रहे हैं। मंत्री ने चेतावनी दी कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जल्द ही रिम्स शासी परिषद की बैठक में जरूरी निर्णय लिया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष सह स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने हाई कोर्ट के आदेश पर रिम्स के निदेशक पद पर दोबारा योगदान देने वाले डॉ. राजकुमार पर कई आरोप लगाते हुए अपनी सीमा में रहने की उन्हें नसीहत दी है।
उन्होंने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा कि डॉ. राजकुमार सुपर पावर हो गए हैं। वे दायरे से बाहर जाकर काम कर रहे हैं। जो निर्णय रिम्स शासी परिषद को लेना है, उसे खुद ले रहे हैं। निदेशक रिम्स और स्वास्थ्य विभाग को हल्का करने का काम कर रहे हैं। उन्हें नेतागिरी ही करनी है तो यूपी जाकर करें। चुनाव लड़ लें।
स्वास्थ्य विभाग को राजनीति का अड्डा मत बनाएं। मंत्री ने कहा कि जल्द ही रिम्स शासी परिषद की बैठक में जरूरी निर्णय लिया जाएगा। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रिम्स नियम से चलता है, हमलोग अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे में अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वे कोर्ट का कानून का पूरा सम्मान करते हैं। कोर्ट का आदेश है, इसलिए इरफान अंसारी चुप हैं। मामला कोर्ट में है, छह को जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि विभाग में जो भी पदाधिकारी आएं, बढ़िया काम करिए और सरकार की छवि बनाने का काम करें।
रिम्स चिकित्सकों को मिली सभी प्रोन्नति होल्ड
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉ. राजकुमार आनन-फानन में चार्ज ले लिए। उसके बाद मनमाने तरीके से फैसले ले रहे हैं। कैबिनेट ने नौ माह पहले मशीन खरीदने का आदेश दिया, जब वे नहीं माने, जिसके बाद एक्शन लिया गया। अब अचानक एक दिन में कौन सा जादू कर दिए।
मंत्री ने स्पष्ट कहा कि निदेशक को जानकारी का अभाव है, वह कोर्ट आदेश की अवमानना कर रहे हैं। रिम्स डॉक्टरों के प्रोमोशन का मामला होल्ड किया गया है। निदेशक के चिट्ठी निकाल देने और मीडिया में दे देने से कोई कैसे मान लेगा।
सभी चिकित्सकों को नियमानुसार प्रोन्नति दी जाएगी। वहीं, अपर मुख्य सचिव ने भी कहा कि प्रोन्नति में भेदभाव की शिकायत है। जीबी के आदेश से परे जाकर निर्णय लेना नियमविरुद्ध है।
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