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    Indian Railways: भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला, AC कोच के बाद अब स्लीपर में भी आग रोकने के लिए लगेगा डिवाइस

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 01:02 AM (IST)

    भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब एसी कोचों के साथ-साथ स्लीपर कोचों में भी चरणबद्ध तरीके से ऑटोमेटिक स ...और पढ़ें

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, रांची। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब तक केवल एसी कोचों में उपलब्ध ऑटोमेटिक स्मोक और हीट डिटेक्शन सिस्टम (एफएसडीएस) को चरणबद्ध तरीके से स्लीपर कोचों में भी लगाने का फैसला लिया गया है।

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    रेलवे के इस निर्णय से लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों को आगजनी जैसी घटनाओं से बेहतर सुरक्षा मिल सकेगी।

    अब तक ट्रेनों के एसी कोचों में फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम और पावर कार कोचों में फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम लगाए जा रहे हैं। लेकिन हाल के वर्षों में ट्रेनों में आग लगने की घटनाओं को देखते हुए रेलवे ने सुरक्षा व्यवस्था का दायरा बढ़ाते हुए स्लीपर कोचों को भी इस तकनीक से लैस करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

    रेलवे अधिकारियों के अनुसार, एलएचबी (लिंक हाफमैन बुश) कोचों में आग से सतर्क करने वाले सिस्टम पहले से लगाए जा चुके हैं, जबकि आईसीएफ कोचों में भी फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम उपलब्ध कराया गया है।

    अब स्लीपर कोचों में एफएसडीएस लगाए जाने से ट्रेनों में आग लगने की स्थिति में शुरुआती स्तर पर ही खतरे का पता लगाया जा सकेगा और बड़े हादसे को रोका जा सकेगा।

    यह सिस्टम वीईएसडीए (वेरी अर्ली स्मोक डिटेक्शन एपरेटस) जैसी उन्नत तकनीक पर आधारित है। यह तकनीक धुएं के बेहद सूक्ष्म कणों को भी शुरुआती अवस्था में पहचान लेती है। जैसे ही कोच के अंदर धुआं या अत्यधिक गर्मी का पता चलता है, सिस्टम स्वतः सक्रिय हो जाता है।

    सिस्टम के सक्रिय होते ही आटोमेटिक सायरन बजने लगता है और चेतावनी लाइट जल उठती है, जिससे यात्रियों और ट्रेन स्टाफ को तत्काल अलर्ट मिल जाता है। इसके साथ ही सिस्टम ट्रेन के ब्रेक प्रेशर को कम कर ट्रेन को आटोमेटिक रूप से रोकने में भी मदद करता है, ताकि आग फैलने से पहले उस पर नियंत्रण पाया जा सके।

    पावर कार और पैंट्री कार में लगाए जा रहे फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम की खास बात यह है कि आग लगते ही ईंधन या बिजली की सप्लाई बंद हो जाती है और स्वतः पानी या अन्य फायर सप्रेशन माध्यम निकलने लगते हैं। इससे आग पर शुरुआती समय में ही काबू पाया जा सकता है।

    रेलवे का लक्ष्य भविष्य में सभी ट्रेनों के एलएचबी कोचों, पावर कार और पैंट्री कार को इस सुरक्षा सिस्टम से पूरी तरह लैस करना है। अधिकारियों का मानना है कि स्लीपर कोचों में आटोमेटिक स्मोक और हीट डिटेक्शन सिस्टम लगाए जाने से यात्रियों की सुरक्षा का स्तर काफी बढ़ेगा और आगजनी की घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोका जा सकेगा।