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Ranchi: कानून आम आदमी की समझ से बाहर, इसे सरल बनाने की आवश्यकता- जस्टिस राजेश

जस्टिस राजेश कुमार अधिवक्ता संविधान दिवस सह अधिवक्ता दिवस पखवाड़ा पर परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि देश का कानून काफी जटिल है जो आम लोगों की समझ से बाहर है इसलिए इसे आसान बनाने की जरूरत है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Sun, 04 Dec 2022 10:51 AM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2022 10:51 AM (IST)
Ranchi: कानून आम आदमी की समझ से बाहर, इसे सरल बनाने की आवश्यकता- जस्टिस राजेश
जस्टिस राजेश ने कानून को सरल बनाने की बात

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस राजेश कुमार (Justice Rajesh Kumar) ने कहा कि कानून का राज स्थापित करने का मूल आधार है कि सभी को कानून की जानकारी हो, तभी वह उसका पालन कर पाएगा। लेकिन कानून को इतना जटिल बना दिया गया है कि वह आम आदमी की समझ से बाहर है। कानून के अनुसार शासन होना चाहिए, लेकिन शासन करने के लिए कानून बना दिया गया है। कानून वही है जो आम आदमी को आसानी से समझ में आ सके अन्यथा हम इसे अंग्रेजों का कानून मानते हैं।

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जस्टिस राजेश कुमार ने देश के कानून को बताया जटिल

मालूम हो कि जस्टिस राजेश कुमार अधिवक्ता संविधान दिवस सह अधिवक्ता दिवस (Advocates' day) पखवाड़ा पर परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कानून बनाने वालों ने इसे इतना जटिल बना दिया है कि लोग इसे समझ ही नहीं पाते हैं। जैसा कि पूर्व में अंग्रेजों ने किया था, वही कानून आज भी है। सिर्फ शासन बदल गया है।

कानून के जानकारों की भी समझ से ये बाहर: जस्टिस कुमार

कई बार देखा जाता है कि एक जज किसी मामले में आदेश पारित करता है तो उसे स्पष्ट करने के लिए एक दूसरी बेंच बनानी पड़ती है। कभी-कभी वरीय अधिवक्ता और जजों को भी कानून समझ में नहीं आता है। यहां तक की कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी कानून समझ में नहीं आ रहा है। वे परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं। इस तरह की स्थिति में सुधार लाने की जरूरत है।

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आम को होनी चाहिए कानून की पूरी जानकारी: जस्टिस कुमार

उन्होंने कहा कि कानून का राज तभी स्थापित होगा जब हर आदमी को कानून की स्पष्ट जानकारी होगी। ऐसा होने पर वह किसी कानून का उल्लंघन नहीं करेगा। क्योंकि कानून का उल्लंघन करने पर उसे जेल तक हो सकती है। इस दौरान संविधान विशेषज्ञ लक्ष्मीनारायण गुल्ला ने भी अपनी बातें रखीं। कार्यक्रम में जस्टिस अनुभा रावत चौधरी, झारखंड बार के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा, बीसीआइ के सदस्य प्रशांत सिंह, अधिवक्ता एके कश्यप आदि मौजूद थे।

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