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    EWS Reservation: सोरेन सरकार का नया फॉर्मूला, जिन सात जिलों में पिछड़ों को नहीं आरक्षण; वहां EWS का मिलेगा लाभ

    By Neeraj AmbasthaEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Sat, 12 Aug 2023 06:26 AM (IST)

    कैबिनेट की बैठक में कुल 30 प्रस्तावों की स्वीकृति मिली। राज्य मंत्रिपरिषद ने उस प्रस्ताव पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी जिसके तहत राज्य के सरकारी पारा मेडिकल संस्थानों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को एक वर्ष तक राज्य के सरकारी अस्पतालों में सेवा देना अनिवार्य होगा। इसके लिए उन्हें नामांकन से पहले बांड भरना होगा। शर्त पूरी न करने पर विद्यार्थी से एक लाख रुपये की वसूली होगी।

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    जिन सात जिलों में पिछड़ों को नहीं आरक्षण, वहां ईडब्ल्यूएस का मिलेगा लाभ (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, रांची: राज्य के जिन सात जिलों में पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग को कोई भी आरक्षण प्राप्त नहीं है, वहां इस श्रेणी के अर्हता प्राप्त विद्यार्थियों व अभ्यर्थियों को नौकरी तथा पढ़ाई में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर) श्रेणी के लिए निर्धारित आरक्षण का लाभ मिलेगा।

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    इन जिलों में लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, दुमका, लातेहार तथा खूंटी सम्मिलित हैं। राज्य मंत्रिपरिषद की शुक्रवार को हुई बैठक में कार्मिक विभाग के इस आदेश की स्वीकृति मिली। मंत्रिमंडल एवं समन्वय विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए लाभुकों को आय से संबंधित वह सारे मापदंड पूरे करने होंगे जो सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित हैं।

    इन सात जिलों में अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति की संख्या अधिक होने के कारण पिछड़ी जाति एवं अत्यंत पिछड़ी जाति को आरक्षण प्राप्त नहीं है। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में कुल 30 प्रस्तावों की स्वीकृति मिली। राज्य मंत्रिपरिषद ने उस प्रस्ताव पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी, जिसके तहत राज्य के सरकारी पारा मेडिकल संस्थानों में पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थियों को एक वर्ष तक राज्य के सरकारी अस्पतालों में सेवा देना अनिवार्य होगा।

    इसके लिए उन्हें नामांकन से पहले बांड भरना होगा। यह शर्त पूरी नहीं करने पर संबंधित विद्यार्थी से एक लाख रुपये की वसूली की जाएगी। राज्य सरकार ने एकलव्य योजना को लागू करने के लिए मार्गदर्शिका पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान की। इस योजना के तहत राज्य सरकार यूपीएससी, जेपीएससी तथा केंद्र एवं राज्य आयोग की प्रतियोगिता परीक्षाओं की निश्शुल्क तैयारी कराएगी।

    मार्गदर्शिका में कोचिंग संस्थानों तथा विद्यार्थियों के चयन की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। बैठक में मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत निश्शुल्क कोचिंग के लिए दिशा-निर्देश की भी स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के असमायोजित कर्मियों का समायोजित करने का भी निर्णय लिया है।

    ऐसे कुल 67 कर्मियों का एक जुलाई 2004 से वैचारिक रूप से समायोजन तथा वित्तीय लाभ देन पर स्वीकृति प्रदान की गई।

    प्रत्येक परिवार को एक रुपये दर पर एक किलो चना दाल

    खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आच्छादित परिवारों को प्रति परिवार एक किलो चना दाल एक रुपये किलो की दर से उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य मंत्रिपरिषद ने इसकी संशोधित योजना की स्वीकृति प्रदान की।

    2004 के पूर्व के विज्ञापन पर नियुक्त कर्मियों को भी पुरानी पेंशन

    एक दिसबंर 2004 के पूर्व जारी विज्ञापन के तहत इसके बाद नियुक्त कर्मियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा, बशर्ते उनकी नियुक्ति प्रक्रिया इस तिथि से पहले पूरी हो चुकी हो। इससे लगभग 10 हजार कर्मी लाभान्वित होंगे। राज्य मंत्रिपरिषद ने वित्त विभाग के इस आदेश पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान की।

    टाटा मेडिकल सेंटर में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अधिकतम 25 लाख

    टाटा मेडिकल सेंटर में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अब आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अधिकतम 35 लाख रुपये मिलेंगे। अतिरिक्त 20 लाख रुपये का वहन राज्य सरकार करेगी। मनोनयन के आधार पर चयनित इस अस्पताल के साथ हुए एमओयू की घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। इसका मनोनयन एक वर्ष के लिए हुआ है।

    इन प्रस्तावों की भी मिली स्वीकृति

    झारखंड राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष की गई। इसके लिए संबंधित नियमावली में संशोधन की स्वीकृति मिली।  राज्य सरकार के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की कैपेसिटी बिल्डिंग के तहत ई-लिटरेचर कार्यक्रम की परीक्षा आयोजित करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रानिक एंड इंफारमेशन टेक्नोलाजी का मनोनयन किया गया। वन टाइम सेटलमेंट योजना को जुलाई से दिसंबर 2023 तक अवधि विस्तार दिया गया।  झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय को सीड मनी के रूप में 20 करोड़ रुपये पांच वर्षों में प्रदान किए जाएंगे।