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    लालू के सामने गवाह ने कहा, मुफ्त पशु खाद्यान्न वितरण की नहीं थी योजना

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Sun, 04 Feb 2018 01:43 PM (IST)

    बीएमपी सिंह ने कहा कि डॉ. धनराज 1993-95 के बीच वहां कार्यरत थे। उस अवधि में पशु खाद्यान्न निशुल्क वितरण की कोई योजना नहीं थी।

    लालू के सामने गवाह ने कहा, मुफ्त पशु खाद्यान्न वितरण की नहीं थी योजना

    जागरण संवाददाता, रांची। चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद शनिवार को कोर्ट में पेश हुए। लालू के अलावा डॉ. आरके राणा, जगदीश शर्मा, बेक जूलियस, मो. सईद सहित जेल में बंद अन्य आरोपी भी कोर्ट में पेश हुए।

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    बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल से लाकर आरोपियों को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में पेश किया गया। मामले में पलामू (वर्तमान गढ़वा) जिला स्थित भवनाथपुर के तत्कालीन प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. धनराज प्रसाद की गवाही दर्ज की गई। गवाही सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने दर्ज कराई। गवाही के दौरान लालू प्रसाद कोर्ट में बैठे थे। बीएमपी सिंह ने कहा कि डॉ. धनराज 1993-95 के बीच वहां कार्यरत थे। उस अवधि में पशु खाद्यान्न निशुल्क वितरण की कोई योजना नहीं थी। इसके बावजूद रसीद पर दबाव देकर हस्ताक्षर कराया गया और उसे अधिकारियों ने ले लिया।

    उन्होंने बताया कि 1993-94 के बीच जिला मुख्यालय पलामू में बैठक हुई थी। उस दौरान तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. कामेश्वर सहाय व तत्कालीन चलंत चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रभात कुमार ने बुलाकर एक प्राप्ति रसीद पर हस्ताक्षर कराया। वह रसीद 40 हजार क्विंटल पीली मक्का व 35 हजार क्विंटल चिनिया बादाम खल्ली की आपूर्ति से संबंधित था।

    वहीं, 1994-95 में फिर दोनों पदाधिकारियों ने दूसरे प्राप्ति रसीद पर हस्ताक्षर कराया, जो 30 हजार क्विंटल पीली मक्का व 20 हजार क्विंटल मिनरल मिक्चर व चिनिया बादाम खल्ली से संबंधित था। हस्ताक्षर के लिए बाध्य किया जाता था। उन्होंने पूर्व में दिए बयान की कॉपी की पहचान की। आरोपियों के अधिवक्ताओं ने गवाह से जिरह किया। इस दौरान उनसे पूछा गया कि सीबीआइ के दबाव में आकर वे झूठी गवाही दे रहे हैं, तो उन्होंने इससे इन्कार किया।

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