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    Jharkhand News: कृषक गोष्ठी का आयोजन, उपज बढ़ाने के लिए किसानों को आधुनिक तकनीक मिली जानकारी

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 04:26 PM (IST)

    इफको पलामू द्वारा लेस्लीगंज के पचमो में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें किसानों को कृषि तकनीकों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में नैनो यूरिया डीएपी और सागरिका के उपयोग लाभ और अनुदान पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने कम लागत पर बेहतर उत्पादन के लिए 25% तक अनुदान की बात कही। किसानों को बीज शोधन की विधि बताई गई। इससे उपज बेहतर होगी।

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    किसानों को मिली आधुनिक कृषि तकनीक की जानकारी। जागरण फोटो

    जागरण संवाददाता, लेस्लीगंज (पलामू)। इफको पलामू के तत्वावधान में बुधवार को पचमो स्थित नैनो ग्राम समूह में एक दिवसीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान किसानों को कृषि तकनीक के बारे में जानकारी दी गई।

    कार्यक्रम में कोटखास और लेस्लीगंज पैक्स के अध्यक्ष जय नारायण दुबे, रंजीत कुमार दुबे, अशोक कुमार सिंह, ज्ञानछान दुबे, रण विजय शुक्ल समेत लगभग 40 किसानों ने भाग लिया।

    गोष्ठी का उद्देश्य किसानों को इफको के नवीन नैनो उत्पादों-नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी, सागरिका और ड्रोन स्प्रे के उपयोग, लाभ और अनुदान योजना की जानकारी देना था।

    कम लागत पर प्राप्त होगा बेहतर उत्पादन

    अधिकारियों ने बताया कि इन उत्पादों पर 25 प्रतिशत तक का अनुदान उपलब्ध है, जिससे किसानों को कम लागत में बेहतर उत्पादन प्राप्त हो सकता है। कार्यक्रम में विशेष रूप से नैनो डीएपी द्वारा बीज शोधन की विधि पर विस्तृत चर्चा की गई।

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    विशेषज्ञों ने बताया कि प्रति किलो बीज के लिए 5 मिली नैनो डीएपी को पानी में मिलाकर 20–30 मिनट तक छाया में भिगोकर फिर नर्सरी में बोना चाहिए। यदि शोधन नहीं किया जा सके, तो तैयार बिचड़ा को रोपाई से पूर्व घोल में 20 मिनट तक डुबोकर रोपा जा सकता है।

    पत्तियों पर करें नो यूरिया प्लस का स्प्रे

    इससे जड़ प्रणाली मजबूत होती है, कल्लों की संख्या बढ़ती है और उपज में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। नैनो यूरिया प्लस के प्रयोग को लेकर बताया गया कि धान की 30-35 दिन की अवस्था में जब फसल मिट्टी को ढक ले, तब 4 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर पत्तियों पर स्प्रे करना चाहिए।

    पुनः 50- 60 दिन के बीच फूल लगने की अवस्था में इसी तरह दूसरा स्प्रे करने से दानेदार यूरिया की आवश्यकता नहीं रहती और उत्पादन में 8-10 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है।

    इस दौरान इफको के अन्य उत्पाद जिंक, बोरोन, कैल्शियम, सल्फर और सागरिका के प्रयोग विधियों और उनके लाभ की जानकारी भी किसानों को दी गई।

    कार्यक्रम में कोटखास पैक्स अध्यक्ष मनोरंजन दुबे ने अपने खेत में नैनो डीएपी के सफल प्रयोग का अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह उत्पाद कम लागत में बेहतर उपज का विकल्प बन चुका है। उन्होंने अपने पैक्स केंद्र पर इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने की बात भी कही।

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