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    Jharkhand: आईएएस अफसरों की कमी के बावजूद दर्जनों के पास कोई काम नहीं, 17 दिनों से पोस्टिंग का इंतजार

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 07:18 PM (IST)

    झारखंड में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की भारी कमी है जिसके चलते कई अधिकारी बिना काम के बैठे हैं। लगभग दो दर्जन अधिकारियों के पास कोई पद नहीं है जिनमें 17 उपायुक्त स्तर के हैं। पंचायती राज विभाग में भी शीर्ष अधिकारियों की कमी है। स्वीकृत पदों के मुकाबले कम आईएएस अधिकारी होने के बावजूद कई को बिना काम के वेतन मिल रहा है।

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    आईएएस अधिकारियों की कमी के बावजूद दर्जनों के पास कोई काम नहीं

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की व्यापक स्तर पर कमी है और राज्य सरकार इस मुद्दे को कई बार केंद्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठा चुकी है। इसके बावजूद झारखंड में दो दर्जन के करीब अधिकारियों के पास कोई काम नहीं है। इनमें 17 आईएएस अधिकारी उपायुक्त स्तर के हैं जिन्हें तबादले के बाद से ही पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा गया है। इनकी यह स्थिति पिछले 17-18 दिनों से है।

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    राज्य में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे शराब घोटाले में जेल जाना पड़ा है और वह पिछले 23 दिनों से जेल में हैं। इस कारण से यह पद रिक्त पड़ा हुआ है और इसके पहले से पंचायती राज निदेशक निशा उरांव भी वापस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चली कई हैं। इस कारण से विभाग को देखनेवाला कोई अधिकारी नहीं है।

    झारखंड में आईएएस अधिकारियों की व्यापक स्तर पर कमी है। हालत यह है कि स्वीकृत 224 पदों के विरुद्ध झारखंड को महज 170 आईएएस अधिकारी मिले हैं। इसके बावजूद कई अधिकारियों को बैठाकर वेतन दिया जा रहा है।

    अभी पिछले माह 26 मई को राज्य सरकार ने 20 जिलों के उपायुक्तों का तबादला कर दिया,  जिनमें से 17 को दूसरे जिलों में नए चेहरों को उपायुक्त बनाया गया है और इन 17 जगहों पर कोई नई पोस्टिंग नहीं की गई है। सभी पदस्थापना के इंतजार में हैं।

    माना जा रहा है कि इनमें से कुछ को जल्द ही पदस्थापित किया जा सकता है। कार्मिक विभाग के सूत्रों के अनुसार इसी सप्ताह इनमें से कुछ अधिकारियों को नए पदों पर पदस्थापित किया जा सकता है। इसके साथ ही कई विभागों में सचिव स्तर के पदाधिकारी अतिरिक्त प्रभार में हैं।

    वरीय अधिकारियों के पास एक से अधिक विभागों का प्रभार

    राज्य में कई विभागों के सचिव स्तर के अधिकारियों के पास एक से अधिक विभागों का प्रभार है। अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी अविनाश कुमार के पास पांच विभागों का अतिरिक्त प्रभार है। प्रधान सचिव वंदना डाडेल के पास कैबिनेट का अतिरिक्त प्रभार है, इसी प्रकार मस्तराम मीणा के पास राजस्व पर्षद के सदस्य का अतरिक्त प्रभार है।

    प्रधान सचिव सुनील कुमार के पास जुडको और जीआरडीए के एमडी का अतिरिक्त प्रभार है। आइटी सचिव पूजा सिंघल के पास झारखंड कम्युनिकेशन नेटवर्क के सीईओ का अतिरिक्त प्रभार है। प्रशांत कुमार वित्त विभाग के सचिव के अतिरक्त प्रभार में हैं। इसी प्रकार के.श्रीनिवासन ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव के अतिरक्त प्रभार में हैं।

    अरवा राजकमल के पास अपने विभाग के अलावा कम से कम पांच विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। उमाशंकर सिंह, अमीत कुमार, अबू इमरान, राहुल कुमार सिन्हा, नेलशन ईयोन बागे, नेहा अरोड़ा, संदीप सिंह, संजीव कुमार बेसरा, शशिरंजन, किरण कुमारी पासी, राजीव रंजन आदि दर्जनाधिक आईएएस अधिकारियों के पास एक से अधिक विभागों का प्रभार है।