Holi 2025: इन राशियों के लिए ठीक नहीं है लाल-पीला और हरा रंग, होली पर सावधान रहने की जरूरत
होलिका दहन सनातन धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें बुराईयों के अंत और अच्छाईयों की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन होलिका की पूजा विधिपूर्वक की जाती है जिसमें तिलक चढ़ावा और परिक्रमा की जाती है। 15 मार्च को होली मनाई जाएगी। राशियों के अनुसार होलिका दहन में विशेष आहुति देने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और विभिन्न समस्याओं का समाधान होता है।
जागरण संवाददाता, रांची। होलिका दहन, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें होली की पूर्व संध्या में होलिका का सांकेतिक रूप से दहन किया जाता है। होलिका दहन की पूजा करने से होलिका की अग्नि में सभी दुख जलकर खत्म हो जाते हैं और ग्रहदोष भी दूर होते हैं।
होलिका का दहन समाज की समस्त बुराइयों के अंत का प्रतीक है। यह बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का सूचक है। होलिका दहन के आग में नई फसल की गेहूं की बालियों और चने के होले को भी भूना जाता है।
होलिका दहन की पूजा
होलिका दहन से पहले होलिका की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। सबसे पहले होलिका पर रोली, हल्दी और गुलाल से तिलक लगाया जाता है। इसके बाद जल, रोली, कच्चा सूत, बताशे, चावल, फूल, नारियल आदि को चढ़ाया जाता है। यह सब चढ़ाने के बाद होलिका के चारों ओर सात बार परिक्रमा की जाती है।
15 मार्च को सर्वत्र होली मनायी जाएगी
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका दहन होता है।
ज्योतिष आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि 13 मार्च को दिन में प्रात 10:02 में पूर्णिमा प्रवेश करेगा जो 14 मार्च को दिन के 11:11 तक रहेगा। 13 मार्च को भद्रा रात्रि 10:37 तक है इसके बाद होलिका दहन किया जाएगा। 14 मार्च को स्नान दान की पूर्णिमा के साथ काशी में होली मनाई जाएगी, वहीं 15 मार्च को सर्वत्र होली मनाई जाएगी।
होलिका दहन में राशि अनुसार आहुति देने और रंग लगाने से सभी मनोकामना पूर्ण होंगी:
- मेष - इस राशि के जातक 7 काली मिर्च होलिका में अर्पण करें। इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दूर होगी। होली पर मेष राशि के जातकों को हरे और नीले रंग का प्रयोग से बचना चाहिए।
- वृष - सफेद चंदन से तीन फेरे होलिका के लेकर डाले इससे मानसिक चिंता दूर होगी। मान-सम्मान बढ़ेगी। इन्हें नारंगी, पीला और लाल रंग से बचना चाहिए।
- मिथुन - चने की दाल की आहुति देने से आर्थिक संकट समाप्त होगा। सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। लाल एवं नारंगी रंग लगाने से बचना चाहिए।
- कर्क - सौंफ की होलिका में आहुति देने से वाणी दोष दूर होगा और बिगड़े काम बनेंगे। इन्हें काले और नीले रंग से बचना चाहिए।
- सिंह- इस राशि के जातक को जौ की आहुति होलिका में अर्पण करने से किसी भी रोग से छुटकारा मिल जाता है। सुख शांति और सम्मान में बढ़ोतरी होती है। इन्हें हरे और नीले रंग से बचाना चाहिए।
- कन्या- 3 जायफल 3 काली मिर्च की आहुति होलिका दहन में डालने से सभी संकटों से मुक्ति मिल जाएगी। दांपत्य जीवन में शुभता लेकर आएगी। इन्हें नारंगी रंग से परहेज करना चाहिए।
- तुला - इस समय व्यर्थ के कार्यों में समय बर्बाद होगा, नौकरी में सफलता मिलेगी, काले तिल और 2 हल्दी की गांठ होलिका में अर्पित करने से कार्य में सफलता तथा पदोन्नति होगी। इस जातक को लाला, पीला और नारंगी रंग से बचाना चाहिए।
- वृश्चिक- वृश्चिक राशि वालों को पीली सरसों 3 बार ऊसार कर होलिका में आहुति देने से भाग्योदय के साथ साथ उन्नति लेकर आएगी। इन्हें नीला रंग के प्रयोग से बचाना चाहिए
- धनु- इस राशि के जातक को चावल व तिल दहन में डालने से सकंट दूर होगा और सफलता प्राप्त होगी। नीला रंग के प्रयोग से इन्हे बचाना चाहिए।
- मकर- इस राशि के जातक को 5 हल्दी की गांठ दहन में अर्पण करने से शनि के साढ़े साती का प्रभाव थोड़ा कम होता है। लाल, पीला और नारंगी रंग लगाने से बचाना चाहिए।
- कुंभ - इस राशि के जातकों को मूंग की दाल, काले तिल के मिश्रण को होलिका में अर्पित करने से इससे फिजूल खर्च से मुक्ति मिलेगी। लाल, पीला और नारंगी रंग नहीं लगाने चाहिए।
- मीन - जीरा और नमक की आहुति होलिका में देने से धन लाभ होता है और तरक्की मिलेगी। काला, नीला, और हरा रंग इन्हें नहीं लगाना चाहिए।
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