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    Ranchi Municipal Corporation: निगम में क्यों लटकाकर रखा जाता है नक्शा पास करने का काम, जानिए हाई कोर्ट के सवाल पर क्या मिला जवाब

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 12:35 PM (IST)

    सुनवाई के दौरान एक प्रार्थी की ओर से कहा गया कि अगर रांची नगर निगम की ओर से निर्धारित समय में नक्शा पास नहीं किया जाता है तो उसे डिम्ड स्वीकृति मानी जाए। नियमानुसार एक माह में नक्शा पास किया जाना है। अगर चार महीने तक नक्शा पास लंबित रहता है तो सब कुछ सही होने पर उसे डिम्ड स्वीकृति माने जाने का एक्ट में प्रविधान है।

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    नक्शा पास करने में देरी होने से डिम्ड स्वीकृति पर प्रार्थी से मांगा सुझाव>

    राज्य ब्यूरो, रांची । झारखंड हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में रांची नगर निगम को नक्शा पास करने में देरी को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

    सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि अगर रांची नगर निगम की ओर से निर्धारित समय में नक्शा पास नहीं किया जाता है तो उसे डिम्ड स्वीकृति मानी जाए।

    इस पर अदालत ने प्रार्थी को अपना सुझाव कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। नियमानुसार एक माह में नक्शा पास किया जाना है।

    अगर चार महीने तक नक्शा पास लंबित रहता है, तो सब कुछ सही होने पर उसे डिम्ड स्वीकृति माने जाने का एक्ट में प्रविधान है। मामले में अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।

    पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि जब तक पर्याप्त लीगल अफसर की नियुक्ति नहीं होती तब तक पूर्व की व्यवस्था से ही नक्शा पाक करने को कहा है।

    उस दौरान नगर प्रशासक कोर्ट में उपस्थित हुए थे। कोर्ट ने प्रशासक से पूछा था कि नक्शा पास करने का काम धीमा क्यों है और इसमें इतनी देरी क्यों हो रही है।

    प्रशासक ने अदालत को बताया कि अभी पर्याप्त लीगल अफसर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इस कारण नक्शा पास करने में कठिनाई हो रही है।

    इस पर अदालत ने कहा की जब तक पर्याप्त लीगल अफसर नियुक्त न हो जाएं, तब तक पूर्व की तरह ही नक्शा पास करें और काम में तेजी लाएं।

    कोर्ट को बताया गया था कि नियमों के अनुसार नक्शा पास करने के तीसरे स्टेज में लीगल अफसर को कागजात की जांच कर सात दिनों में रिपोर्ट अग्रसारित की जाती थी।

    इस व्यवस्था को बदल कर अपर प्रशासक को जांच का जिम्मा दिया गया है। इस पर निगम की ओर से बताया गया था कि नियम बदलने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है।

    एसओपी के तहत मैप स्वीकृत लीगल अफसर को देखना है। निगम की ओर से बताया गया था कि नक्शा स्वीकृत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

    सहायक लीगल अफसर को लीगल अफसर का प्रभार दिया गया है। 25 अप्रैल से नक्शा पास होने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।

    इस संबंध में कंफेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवेलपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (क्रेडाई) की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है।

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