Jharkhand News: सुप्रीम कोर्ट का निर्देश नहीं मानने पर रांची के मजिस्ट्रेट को नोटिस, ये है पूरा मामला
रांची उच्च न्यायालय ने रांची सिविल कोर्ट के एक मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किया है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया। मजिस्ट्रेट पर आरोप है कि उन्होंने एक शिकायत मामले में आरोपी अजय मुंडा को रिहा नहीं किया जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार उसे रिहा किया जाना चाहिए था। अदालत ने मजिस्ट्रेट से स्पष्टीकरण मांगा है और मामले का रिकॉर्ड तलब किया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने रांची सिविल कोर्ट के एक मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किया है, क्योंकि उन्होंने एक शिकायतवाद में आरोपित की रिहाई के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया।
अदालत ने रांची सिविल कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश रंजन कुमार के समक्ष लंबित एक शिकायतवाद का रिकॉर्ड भी मंगवाया है।
अदालत ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनोज कुमार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि मजिस्ट्रेट आरोपित अजय मुंडा को जेल न भेजे और शिकायतवाद मामले का रिकार्ड हाई कोर्ट में पेश किया जाए। अदालत ने मजिस्ट्रेट से स्पष्टीकरण मांगा है कि आरोपित अजय मुंडा को हिरासत में लेने का आधार क्या था।
हाई कोर्ट के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर मजिस्ट्रेट के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है।
अदालत ने 30 जून को अजय मुंडा की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए उसे मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार शिकायतवाद मामले में आत्मसमर्पण करने वाले आरोपित को मजिस्ट्रेट द्वारा रिहा कर दिया जाना चाहिए था।
लेकिन इस मामले में मजिस्ट्रेट ने अजय मुंडा को रिहा नहीं किया और उसे हिरासत में ले लिया गया। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट में अजय मुंडा के वकील ने प्रार्थी को हिरासत में लिए जाने की सूचना दी।
इस पर अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल मनोज कुमार को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया। अदालत ने शिकायत का सारा रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने को कहा है। अजय मुंडा पर शिकायतकर्ता की जमीन के विवाद को लेकर आरोप लगाए गए थे।
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