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    'मिलावटी भोजन खाकर लोग हो रहे बीमार, किसी को फिक्र नहीं...' हाई कोर्ट ने चंपई सरकार को लगाई फटकार

    Updated: Tue, 05 Mar 2024 01:57 PM (IST)

    राज्‍य में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए पर्याप्‍त संख्‍या में फूड लैब नहीं है इसलिए लोग मिलावटी भोजन खाने के लिए मजबूर हैं और बीमार पड़ रहे हैं। झारखंड हाई कोर्ट ने इसे लेकर चंपई सरकार को फटकार लगाई है। सरकार को चार जिलों में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए लैब खोलने का निर्देश दिया गया था लेकिन इस पर सरकार ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी है।

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    राज्‍य में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर कोर्ट ने की टिप्‍पणी।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में राज्य में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री से संबंधित मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कड़ी नाराजगी जताते हुए मौखिक रूप से कहा कि लोग मिलावटी भोजन खाकर बीमार हो रहे हैं, लेकिन सरकार को इसकी चिंता नहीं है। सरकार को चार जिलों में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए लैब खोलने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इस पर भी सरकार की ओर से ठोस जानकारी नहीं दी जा रही है।

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    12 मार्च को होगी अगली सुनवाई

    अदालत ने सरकार से पूछा है कि मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए है। अदालत ने मामले के अगली सुनवाई 12 मार्च को निर्धारित की है।

    अदालत ने कहा कि राज्य के 24 जिलों में मात्र रांची के नामकुम में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए फूड लैब बनाए हैं। फूड लैब की संख्या कम से कम चार होनी चाहिए थी। वही, राज्य में मिलावटी खाद्य पदार्थ के लिए जांच के लिए मोबाइल वैन की संख्या कम से कम 24 होनी चाहिए थी, ताकि राज्य के सभी जिलों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच हो सके।

    जेपीएससी से भी अदालत ने पूछा सवाल

    अदालत ने जेपीएससी से पूछा कि वर्ष 2023 में फूड सेफ्टी आफिसर के 56 पदों सहित फूड एनालिस्ट, माइक्रो बायोलाजिस्ट आदि के पदों को भरने के लिए जो विज्ञापन निकाला गया था, उसपर अब तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी क्यों नहीं हुई।

    सुनवाई के दौरान न्याय मित्र ने कोर्ट को बताया कि राज्य के 24 जिलों में मात्र रांची के नामकुम में फूड लैब है, राज्य में फूड सैंपल कलेक्शन के लिए दो मोबाइल वैन है लेकिन इसमें भी फूड टेस्टिंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। राज्य के दूसरे जिलों से फूड सैंपल नामकुम लैब पहुंचने में समय लगता है ऐसे में फूड सैंपल खराब हो सकता है।

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