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    Jharkhand Politics: 'देश में तानाशाही शक्तियां...', हेमंत सोरेन के जेल जाने पर ये क्या बोल गए चंपई सोरेन

    ओडिशा के मयूरभंज में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि देश में तानाशाही शक्तियां लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी गई विपक्षी दलों की सरकारों के लिए खतरा बन रही हैं। उन्हें सत्ता से बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसे रोकने की जिम्मेदारी सभी की है। बिना किसी सबूत के हेमंत सोरेन को जेल भेज दिया गया।

    By Pradeep singh Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 09 May 2024 11:45 PM (IST)
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    मयूरभंज में बोले मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन- हेमंत को बिना सबूत भेजा गया जेल। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने ओडिशा के मयूरभंज की चुनावी सभा में कहा कि देश में तानाशाही शक्तियां लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी गई विपक्षी दलों की सरकारों के लिए खतरा बन रही हैं। उन्हें सत्ता से बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसे रोकने की जिम्मेदारी सभी की है।

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    चंपई ने कहा कि बिना किसी सबूत के झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल भेज दिया गया। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी जेल में हैं। उनके दल के मनीष सिसोदिया भी बंद हैं।

    सांसद संजय सिंह को छह महीने बाद राहत देते हुए कोर्ट ने माना कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं थे। उन्होंने सवाला उठाया कि क्या लोकतंत्र ऐसे चलता है? सूरत से लेकर इंदौर तक वोट देने तथा अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार छीनने का प्रयास हो रहा है।

    उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के कई नेताओं ने स्वीकार किया है कि 400 पार का आंकड़ा चाहिए, ताकि संविधान में संशोधन कर सकें। आखिर ये संविधान में क्या बदलाव करना चाहते हैं? भारत के लोकतंत्र को बचाने एवं संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में उन्होंने मतदान की अपील की।

    हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 13 को सुनवाई

    सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन की याचिका पर 13 मई को सुनवाई होने की संभावना है। हेमंत सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी के सही बताते हुए हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी।

    हाईकोर्ट ने तीन मई को फैसला सुनाते हुए कहा था कि ईडी के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को गलत नहीं ठहराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर हेमंत सोरेन ने इस आदेश को चुनौती दी है।

    हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से दो दिन पूर्व जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में 13 मई को यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।

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