झारखंड में कुछ भी मैनेज हो सकता है: हाईकोर्ट
कोर्ट ने रांची-जमशेदपुर एनएच निर्माण में देरी और सड़क की हालत जर्जर होने पर स्वत: संज्ञान लिया था।

रांची, जासं। झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीके मोहंती की खंडपीठ ने रांची-जमशेदपुर एनएच निर्माण मामले सुनवाई की। संवेदक के जवाब पर अदालत ने नाराजगी जताई और मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि झारखंड में कुछ भी मैनेज हो सकता है। लोग झारखंड को अविकसित राज्य समझकर गड़बड़ी का स्कोप ढूंढते रहते हैं। कोर्ट ने रांची-जमशेदपुर एनएच निर्माण में देरी और सड़क की हालत जर्जर होने पर स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत ने सुनवाई के दौरान संवेदक से इस मामले में जानकारी मांगी थी।
संवेदक की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्होंने इस काम के लिए 1400 करोड़ रुपये बैंक से लोन लिया था। सड़क निर्माण में 1000 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है। अदालत ने कहा कि इतने में तो एनएच का काम पूरा हो जाना चाहिए था। अदालत ने एनएच निर्माण राशि को डायवर्ट करने की आशंका जताई और कहा कि झारखंड में कुछ भी मैनेज हो सकता है।

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